facebookmetapixel
बिहार चुनाव 2025: पिछले प्रदर्शन की बानगी देता 1 करोड़ नौकरियों का वादाहार्ड पावर की नई करेंसी: ट्रंप ने कैसे अमेरिकी आयातों को एसेट में बदलाGold Outlook: इस सप्ताह कैसी रहेगी सोने की चाल? भाव बढ़ेंगे या घटेंगे जानिए एक्सपर्ट्स की रायISRO ने रचा इतिहास, ‘बाहुबली’ रॉकेट ने सबसे भारी सैटेलाइट को कक्षा में स्थापित कियाक्या रिटायरमेंट के लिए काफी होगा ₹1 करोड़? सही कॉपर्स का अनुमान नहीं लगा पा रहें भारतीयLIC MF ने कंजम्पशन थीम पर उतारा नया फंड, ₹5,000 से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसाBihar Elections 2025: PM मोदी का RJD-कांग्रेस पर हमला, बोले- महागठबंधन आपस में भिड़ेगाIIHL और Invesco ने मिलाया हाथ, म्युचुअल फंड बिजनेस के लिए ज्वाइंट वेंचर शुरूOYO Bonus Issue: शेयरहोल्डर्स के लिए खुशखबरी, ओयो ने बोनस इश्यू के एप्लीकेशन की डेडलाइन बढ़ाईAadhaar Update Rules: अब ऑनलाइन होगा सब काम, जानें क्या हुए नए बदलाव

बना हुआ है खाद्य महंगाई का जोखिम

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर मापी जाने वाली भारत की खुदरा महंगाई दर सितंबर में 3 महीने के निचले स्तर 5.02 प्रतिशत पर पहुंच गई, क्योंकि सब्जियों के दामों में कमी आई।

Last Updated- November 09, 2023 | 11:04 PM IST
inflation base year
Representative Image

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि हाल के महीनों में महंगाई दर में आई कमी के बावजूद खाद्य पदार्थों की कीमतों के झटकों को लेकर भारत संवेदनशील बना हुआ है।

इंस्टीट्यूट आफ इंडियन इकनॉमिक स्टडीज की ओर से जापान के टोक्यो में भारतीय अर्थव्यवस्था पर आयोजित संगोष्ठी में दास ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में मौद्रिक नीति पूरी तरह से सतर्क है और इसका रुख आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के साथ महंगाई को काबू में लाने पर है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर मापी जाने वाली भारत की खुदरा महंगाई दर सितंबर में 3 महीने के निचले स्तर 5.02 प्रतिशत पर पहुंच गई, क्योंकि सब्जियों के दामों में कमी आई। लेकिन यह रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) अगस्त 2023 में 6.83 प्रतिशत थी।

Also read: RBI पूरी तरह सतर्क, मॉनेटरी पॉलिसी का जोर महंगाई कम करने पर : शक्तिकांत दास

सरकार ने केंद्रीय बैंक को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मई 2022 और फरवरी 2023 के बीच नीतिगत रीपो दर 250 अंक बढ़ा दिया है, जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सके। रिजर्व बैंक ने पिछली 4 बैठकों में नीतिगत दर स्थिर रखी है।

एमपीसी की अगली बैठक दिसंबर की शुरुआत में होने वाली है। एमपीसी ने इस वित्त वर्ष 2023-24 में में औसत महंगाई दर 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह 2022-23 के 6.7 प्रतिशत की तुलना में कम है।

दास ने आरबीआई के वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिन टेक) परिवेश का जिक्र करते हुए कहा कि यह ग्राहक केंद्रित है। उन्होंने कहा कि बेहतर संचालन व्यवस्था, प्रभावी निरीक्षण, नैतिक रूप से उपयुक्त गतिविधियां और जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित करने और स्व-नियामक संगठन (एसआरओ) के माध्यम से फिनटेक के स्व-नियमन को प्रोत्साहित करने पर ध्यान है। हालांकि सकल महंगाई दर खाद्य कीमतों के झटकों को लेकर संवेदनशील बनी हुई है।

Also read: Moody’s ने 2023 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को 6.7% पर रखा बरकरार

आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘इन परिस्थितियों में मौद्रिक नीति का रुख सतर्क बना हुआ है और आर्थिक वृद्धि को समर्थन देते हुए मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप रखने को कीमतों को नीचे लाने की दिशा में काम कर रही है।’ यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने भारत में फिनटेक क्रांति में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इसकी सफलता की कहानी वास्तव में एक अंतरराष्ट्रीय मॉडल बन गई है।

‘मोबाइल ऐप्लिकेशन’ के माध्यम से बैंक खातों के बीच तुरंत धन का अंतरण करने की इसकी क्षमता ने लोगों के डिजिटल लेनदेन के तरीके को बदल दिया है। दास ने जापान के टोक्यो में उद्योग मंडल टोक्यो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में भारतीय आर्थिक अध्ययन संस्थान की भारतीय अर्थव्यवस्था पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, ‘इसके अलावा यूपीआई को अन्य देशों की तेज भुगतान प्रणालियों के साथ जोड़ने का भी काम जारी है।

First Published - November 9, 2023 | 11:04 PM IST

संबंधित पोस्ट