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वियरेबल्स बाजार में जमेगी देश की धाक, साल के आखिर तक टॉप पर पहुंच जाएगा भारत!

इससे स्मार्टवॉच और हियरेबल्स की ग्लोबल मांग को बढ़ावा मिल सकता है। वह भी ऐसे समय में जब उत्तरी अमेरिका और चीन से आर्थिक मौर्चे पर नकारात्मक संकेत मिल रहे है।

Last Updated- July 03, 2023 | 12:20 PM IST
India wearable market grows 53.3% YoY in first half of CY2023: Report

भारत की डिजिटल क्रांति ने तमाम सेक्टर में देश की सफलता का परचम लहराने में मदद की है। इसी कड़ी में अब वियरेबल्स बाजार (Wearables Market) का नाम भी जुड़ने वाला है। भारत के वर्ष 2023 के अंत तक वियरेबल्स बाजार के दुनिया के सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरने की उम्मीद है। इससे स्मार्टवॉच और हियरेबल्स की ग्लोबल मांग को बढ़ावा मिल सकता है। वह भी ऐसे समय में जब उत्तरी अमेरिका और चीन से आर्थिक मौर्चे पर नकारात्मक संकेत मिल रहे है।

मार्केट रिसर्च फर्म आईडीसी इंडिया के अनुसार, इस साल दुनिया भर में वियरेबल्स की 10 लाख यूनिट भेजे जाने का अनुमान है, भारत में इसकी हिस्सेदारी 13 – 13.50 करोड़ या लगभग 26 फीसदी होने की उम्मीद है।

आईडीसी ने कहा कि पिछले साल, भारत ने चीन और उत्तरी अमेरिका के बाद वियरेबल्स की लगभग 10 कोरड़ यूनिट शिप की थी। ग्लोबल शिपमेंट 49.2 करोड़ यूनिट था, जिसमें भारत का लगभग पांचवां हिस्सा था।

तिमाही आधार पर, आईडीसी इंडिया के अनुसार, भारत में वियरेबल्स वस्तुओं का बाजार इस साल जनवरी-मार्च में वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा बन गया। ग्लोबल शिपमेंट में भारत की हिस्सेदारी 26 फीसदी थी। वहीं काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, यह 27 फीसदी था।

दोनों कंपनियों ने अन्य देशों की तुलना में स्मार्टफोन के संबंध में भारत की वृद्धि का श्रेय इसकी कम पैठ और अटैचमेंट दर, या वियरेबल्स वस्तुएं रखने वाले स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या को दिया।

काउंटरपॉइंट ने कहा कि वर्तमान में, भारत में बेचे जाने वाले प्रत्येक स्मार्टफोन के लिए एक स्मार्टवॉच भी बेची जाती है। दोनों मार्केट ट्रैकर्स को उम्मीद है कि भारत 2023 तक इस सेगमेंट में अपनी विकास गति बनाए रखेगा।

द इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीसी के अनुसंधान प्रबंधक जितेश उबरानी ने एक रिपोर्ट में कहा कि बाजार के आकार के मामले में भारत पहले ही अमेरिका और चीन को पछाड़ चुका है और स्थानीय विक्रेताओं के कम लागत वाले लेकिन फीचर से भरपूर उपकरणों की व्यापकता के कारण आगे भी यह सबसे बड़ा बाजार बना रहेगा।

आईडीसी शोधकर्ता उपासना जोशी ने कहा, निश्चित रूप से, भारत का बाजार परिपक्वता, उत्पाद की पेशकश और मूल्य निर्धारण के मामले में उत्तरी अमेरिका और चीन से अलग है। यहां चुनौतियां एक तकनीकी उत्पाद के बजाय स्मार्टवॉच को सहायक उपकरण के रूप में मानने की हो सकती हैं, जो रिफ्रेश चक्र और औसत बिक्री कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं।

First Published - July 3, 2023 | 10:45 AM IST

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