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TCS की जिम्मेदारी ऐप पर! ONDC पर स्पष्टीकरण दे सकती है GST काउंसिल

ONDC मॉडल में बेचने और खरीदने वाले ऐप ई कॉमर्स संचालक बनने के योग्य हो जाते हैं

Last Updated- July 09, 2023 | 10:10 PM IST
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यदि एक भुगतान के दौरान कई ई कॉमर्स ऑपरेटर्स (ECO) शामिल होते हैं तो आपूर्तिकर्ता को भुगतान करने वाले विक्रेता ऐप को स्रोत पर Tax Collection (TCS) काटना आवश्यक हो सकता है। इस मामले पर वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GST) की मंगलवार को होने वाली बैठक में ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ONDC) पर स्पष्टीकरण जारी किया जा सकता है।

डिजिटल कारोबार के क्षेत्र में एकाधिकार को समाप्त करने के लिए ओपन नेटवर्क ऑफ डिजिटल कॉमर्स या ONDC मॉडल की शुरुआत की गई है। इससे एमेजॉन, जोमेटो के प्लेटफॉर्म आधारित मॉडल से ओपन नेटवर्क मॉडल में प्रवेश किया जा सकेगा। कारोबार के नए तरीके में उद्योग की साझेदारी व्यापक होगी। ऐसे में खासतौर पर लघु व मध्यम उद्यमों की साझेदारी अधिक होगी। लिहाजा ऐसे में संबंधित मंत्रालयों ने कई ECO होने की स्थिति में ONDC मॉडल पर TCS के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था।

जीएसटी कानून के तहत प्रत्येक ई-कॉमर्स परिचालक को अपने मंच के माध्यम से बेची जाने वाली वस्तुओं/सेवाओं के कर योग्य मूल्य पर एक प्रतिशत की दर से टीसीएस जुटाना होता है।

लिहाजा राज्यों और केंद्र सरकार के कर्मचारियों से बनी समिति ने इस मुद्दे पर विस्तार से विचार-विमर्श किया था। केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों वाली समिति ने परिषद को सुझाव दिया है कि ऐसी स्थिति में जहां कई ई-कॉमर्स परिचालक (ECO) इस मंच पर एक ही लेनदेन में शामिल हैं, वहां TCS का अनुपालन आपूर्ति पक्ष को करना होगा।

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ONDC Network दो मॉडल में संचालित होता है – इन्वेंट्री मॉडल और मार्केटप्लेस मॉडल। इन्वेंट्री मॉडल के तहत, एक खरीदार ई-कॉमर्स मंच पर ऑर्डर देता है, जो फिर सामान या सेवाओं के लिए आपूर्तिकर्ता को भुगतान करता है। यहां विक्रेता को भुगतान करते समय ई-कॉमर्स मंच द्वारा टीसीएस काटा जाता है।

TCS कटौती की देनदारी के बारे में भ्रम मार्केटप्लेस मॉडल के मामले में है, – जहां एक ही लेन-देन में दो मध्यवर्ती शामिल होते हैं। यहां, खरीदार एक ई-कॉमर्स मंच (खरीदार ऐप) पर ऑर्डर देता है जो फिर इसे किसी अन्य ई-कॉमर्स इकाई (विक्रेता ऐप) से प्राप्त करता है। विक्रेता ऐप तब वास्तविक आपूर्तिकर्ता से सामान खरीदती है।

डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एम.एस. मणि ने कहा, ‘एक ही आपूर्ति में कई ECO के शामिल होने पर किस पर TCS लागू होने का मुद्दा है। कारोबार के तरीके में बदलाव होने के कारण इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण की जरूरत होगी। ऐसी उम्मीद है कि विभिन्न स्थितियों में ईसीओ की जिम्मेदारी तय करने के लिए स्पष्टता आएगी। ऐसे में खरीदारी करने वाले ईसीओ और बेचने वाले ईसीओ पक्ष का मालूम होगा कि किसे TCS की कटौती करनी है।

उल्लेखनीय है कि GST काउंसिल ने छोटे कारोबारियों की आपूर्ति का टर्नओवर 40 लाख रुपये से कम होने की स्थिति में बीते साल ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य जीएसटी पंजीकरण से छूट दे दी थी।

First Published - July 9, 2023 | 10:10 PM IST

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