आयकर अधिनियम 1961 की धारा 112 ए के तहत 1.25 लाख तक के दीर्घावधि कर लाभ (एलटीसीजी) पाने वाले निजी करदाता आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न आईटीआर-1 (सहज) से दाखिल कर सकते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर-1 और आईटीआर-4 मंगलवार को अधिसूचित किए हैं।
इसे 50 लाख रुपये तक की कुल आय वाले व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा दाखिल किया जा सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार आईटीआर-1 (सहज) का इस्तेमाल इन मानदंडों को पूरा करने वाले व्यक्तिगत करदाता कर सकते हैं : इनमें व्यक्ति निवासी (सामान्य रूप से निवासी नहीं होने के अलावा), वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये तक आय हो, आय के स्रोतो में वेतन या पेंशन, एक घर की संपत्ति से आय (बॉट फॉरवर्ड घाटे के मामले को छोड़कर), अन्य स्रोतों से आमदनी जैसे ब्याज, धारा 112 ए के तहत एलटीसीजी, सूचीबद्ध इक्विटी शेयर की बिक्री या इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड से 1.25 लाख रुपये तक की बिक्री, कृषि आय से 5000 रुपये प्रति वर्ष की आय प्राप्त करता हो।
‘सुगम’ को ऐसे व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों और कंपनियों (सीमित देयता भागीदारी-एलएलपी के अलावा) द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिनकी कुल वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक हो और व्यवसाय से व कोई पेशेवर आय हो। आईटीआर-2 उन व्यक्तियों और एचयूएफ द्वारा दाखिल किया जाता है।