सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे ई श्रम पोर्टल पर पंजीकृत करीब 8 करोड़ प्रवासी मजूदरों को दो महीने में राशन कार्ड मुहैया करवाएं। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले मजदूर शामिल नहीं हैं।
इस संबंध में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अनुपूरक हलफनामा दाखिल करना है। इस मामले की अगली सुनवाई दो महीने बाद होगी।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायूमर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने 20 अप्रैल, 2023 के निर्देश का पालन नहीं करने पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की निष्क्रियता पर संज्ञान लिया। इस पोर्टल पर 28.6 करोड़ पंजीकृत हैं और इनमें से 20.63 करोड़ पंजीकृत राशन कार्ड वाले आंकड़ें हैं।
न्यायालय ने बीते अप्रैल को कहा था कि ई श्रम पोर्टल पर बाकी पंजीकर्ताओं के पास अभी भी राशन कार्ड नहीं है। राशन कार्ड के बिना प्रवासी/ असंगठित क्षेत्र के श्रमिक व उसके परिवार को इस योजना के फायदों और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के फायदों से वंचित कर दिया जाएगा।
इस संबंध में अदालत ने मंगलवार को कहा कि बेवजह के कारणों जैसे 80 करोड़ श्रमिकों के लिए जानें अपने ग्राहक आदि से देरी की गई और अदालत के आदेश का पालन किया जा सकता था।