भारत अगले हफ्ते पेरिस में विश्व व्यापार संगठन (WTO) के कुछ देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक की तैयारी कर रहा है। इस दौरान कृषि, मत्स्य पालन सब्सिडी के साथ-साथ डब्ल्यूटीओ सुधारों में सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग मामले जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (IOCD) से अलग होगी। हालांकि संयुक्त अरब अमीरात में फरवरी, 2024 को 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (MC 13) होगा। अगले हफ्ते होने वाली बैठक मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की प्राथमिकताओं की चर्चा के लिए अनौपचारिक बातचीत करना का उपयुक्त मंच होगी। इस बारे में जानकारी देने वाले एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘भारत के लिए शीर्ष मुद्दों में से एक कृषि है। इसके अलावा अन्य महत्त्वपूर्ण मुद्दा मत्स्य सब्सिडी है।’
भारत को पिछली मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (MC 12) में खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग के मुद्दे के स्थायी हल की उम्मीद थी। हालांकि इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं हुआ। यह निर्णय किया गया था कि इस मुद्दे पर अगले मंत्रिस्तरीय सम्मेलन पर विचार विमर्श होगा।
जहां तक मत्स्य सब्सिडी पर समझौते की बात है तो पिछले मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में वैश्विक व्यापार निकाय ने चिरस्थायी मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के मकसद से अवैध, असूचित और अनियंत्रित (IUU) मछली पकड़ने के 21 साल पुराने मुद्दे पर आम सहमति बनाई थी।
इस डील के मुताबिक भारत और अन्य क्षेत्रों के जलक्षेत्र में गैरकानूनी असूचित, अनियंत्रित मछली की जांच की जाती है। इसके अलावा विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र से बाहर पकड़ी गई मछली के लिए कोई अनुदान नहीं मुहैया करवाई जाएगी।
पता चला है कि सात देशों स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, सेशल्स, कनाडा, अमेरिका, आइसलैंड और यूएई ने मछली से संबंधित समझौते की पुष्टि कर दी है। इसकी भारत को पुष्टि करनी है और इस बारे में राज्य सरकारों से परामर्श की प्रक्रिया जारी है।