अर्थव्यवस्था

वित्त वर्ष-24 में 7.5 फीसदी बढ़ेगी स्टील की डिमांड, GDP पर पड़ेगा असर: इंडियन स्टील एसोशिएसन

Published by
ईशिता आयान दत्त   
Last Updated- May 26, 2023 | 4:36 PM IST

वित्त वर्ष 23-24 में भारत में स्टील की मांग 7.5 फीसदी बढ़ सकती है। इंडियन स्टील एसोशिएसन (ISA) के अनुमान के मुताबिक, वर्तमान वित्त वर्ष में स्टील की डिमांड 7.5 फीसदी बढ़कर 128.785 करोड़ टन हो जाएगी।

ISA ने कहा कि बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) के खर्च में मजबूती और शहरी खपत में लगातार बढ़ोतरी के साथ, अगले दो वित्तीय वर्षों में भारत में स्टील की मांग में हर साल 80-90 लाख टन का इजाफा होगा। इस वृद्धि की वजह से 2023-24 में 7.5 फीसदी की वृद्धि और वित्त वर्ष 2024-25 में 6.3 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 24-25 में स्टील की मांग 136.97 मिलियन टन को छू जाएगी।

बता दें कि वित्त वर्ष 23 में स्टील की मांग में 13.3 फीसदी का इजाफा हुआ और इसके साथ यह आंकड़ा 119.86 मिलियन टन पर पहुंच गया। स्टील की मांग में यह इजाफा इसलिए देखने को मिला क्योंकि इस वित्त वर्ष में प्रोडक्शन भी तेजी से हुआ और घरेलू मांग भी अधिक बनी रही।

ISA का यह पूर्वानुमान (forecast) इस आधार पर है कि डिमांड साइड यानी स्टील की मांग में तेजी देखने को मिल रही है और स्टील का उपयोग कर रहे सब-सेक्टर में भी इसकी मांग बढ़ रही है। ISA को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 24 और 25 में स्टील का उपयोग कर रहे सब-सेक्टर्स 6 फीसदी या इससे ज्यादा की दर से वृद्धि करेंगे।

स्टील डिमांड का GDP से क्या है संबंध ? 

ISA ने कहा कि स्टील की मांग का बड़ा असर GDP ग्रोथ पर पड़ता है। वर्तमान में, वैश्विक मंदी के बीच भारत की स्थिति बेहतर बनी हुई है। ISA ने कहा, ‘2021-22 में भारत की GDP 9.1 फीसदी बढ़ी, 2022-23 में 7 फीसदी बढ़ने का अनुमान है और 2023-24 में 6.4 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।’

एसोसिएशन ने यह भी कहा कि भारत ने महंगाई दर पर सफलतापूर्वक नियंत्रण बनाए रखा जो ज्यादातर विकसित देशों के लिए परेशानी बनी हुई थी। स्टील सेक्टर को मजबूत आर्थिक विकास से लाभ हुआ है क्योंकि स्टील की मांग में वृद्धि और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि के बीच संबंध काफी मजबूत है।’

Also read: 75 Rupees Coin: नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर 75 रुपये का सिक्का जारी करेगी सरकार

ISA ने कहा, ‘GDP में निवेश की बढ़ती हिस्सेदारी, सरकार द्वारा मजबूत पूंजीगत खर्च (capex) और निजी निवेश में सुधार से कंस्ट्रक्शन, रेलवे और पूंजीगत सामान क्षेत्र (capital goods sector) को बढ़ावा मिलेगा।’

एसोसिएशन ने बताया कि सरकार ने वित्त वर्ष 24 के बजट में कैपेक्स को 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया, जिसमें से 50 फीसदी सड़क और रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटित किया गया है। ISA ने कहा, ‘इससे स्टील की मांग में वृद्धि होगी।’

Also read: ICT Import Duty Case: भारत ने अपीलीय निकाय में WTO समिति के फैसले को चुनौती दी

रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रोजेक्ट्स के पूरा होने की ‘मजबूत’ होने की उम्मीद है। ISA ने कहा कि स्टील सेक्टर से ही इंफ्रास्ट्रक्चर, नवीनीकरण (renewables), खनन (mining) और इसके साथ-साथ स्टील सेक्टर के भीतर से ही निवेश होने से पूंजीगत सामान क्षेत्र को लाभ होने की उम्मीद है। एसोसिएशन ने कहा कि इसके लिए PLI स्कीम का बड़ा योगदान है।

First Published : May 26, 2023 | 4:36 PM IST