प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत बनने वाली ग्रामीण सड़कों के निर्माण की लंबाई में बीते आठ वर्षों के दौरान पहली बार खासी बढ़ोतरी हुई है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में पहली बार सड़क निर्माण लक्ष्य से अधिक (106 फीसदी) हुआ है। सड़क निर्माण तेजी से बदलाव आने का प्रमुख कारण यह है कि सरकार ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अधिक पूंजीगत व्यय मुहैया करवाया।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 20 सूत्रीय कार्यक्रम (टीपीपी) के इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जारी आंकड़ों के अनुसार 6000 किलोमीटर सड़क निर्माण के लक्ष्य की तुलना में 6,403 किलोमीटर सड़क निर्माण हुआ। इससे पहले इस योजना ने लक्ष्य से अधिक 2015 की पहली तिमाही में (206 फीसदी) हासिल किया था। इस अवधि के दौरान सड़क निर्माण का लक्ष्य 5,200 किलोमीटर था लेकिन 10,726 किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ था। बीते कुछ समय से ग्रामीण विकास योजना का प्रदर्शन ‘खराब’ रहा है। यह वित्त वर्ष 16 की अप्रैल-जून से अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया है। अप्रैल-जून, 2016 की तिमाही में यह योजना अपने लक्ष्य का 71 फीसदी हासिल कर पाई थी और इसके अगले साल लक्ष्य का 75 फीसदी हासिल कर पाई थी।
इस योजना का सबसे खराब प्रदर्शन वित्त वर्ष 19 में रहा था, जब लक्ष्य 13,123 किलोमीटर की तुलना में केवल 1,235 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य हासिल किया गया था। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) 20 सूत्री कार्यक्रम के तहत 65 आइटम की निगरानी कर रहा है। इस 20 सूत्री कार्यक्रम में 17 की जानकारी तिमाही आधार पर दी जाती है और अन्य की सालाना आधार पर दी जाती है। एनएसओ लक्ष्य के 80 प्रतिशत से कम हासिल होने पर ‘खराब’ श्रेणी में रखता है और लक्ष्य के 90 प्रतिशत से अधिक हासिल करने पर ‘बहुत अच्छा’ की श्रेणी में रखता है।
अन्य आइटम में बिजली आपूर्ति, आंगनवाड़ी का संचालन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्य सुरक्षा और समन्वित बाल विकास का प्रदर्शन ‘बहुत अच्छा’ था। हालांकि इस अवधि में मानदंडों पर ग्रामीण आवास, स्व सहायता समूहों को बढ़ावा देने, पौधा रोपण आदि का प्रदर्शन ‘खराब’ रहा था।