अर्थव्यवस्था

Service PMI: निर्यात मांग में रिकॉर्ड तेजी से परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स में हुआ इजाफा, बीमा और फाइनैंस टॉप पर-HSBC सर्वे

आगे के बारे में HSBC सर्वे में कहा गया है कि इनपुट लागत और आउटपुट शुल्क पर कीमत का दबाव तेजी से बढ़ा है, जबकि श्रमिकों व सामग्री पर खर्च बढ़ने की खबर है।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- April 04, 2024 | 9:57 PM IST

फरवरी में सुस्ती के बाद भारत के सेवा क्षेत्र ने मार्च में वापसी की है। एचएसबीसी द्वारा गुरुवार को जारी सर्वे के मुताबिक निर्यात मांग में तेजी, कुशलता में वृद्धि और बिक्री सकारात्मक रहने के कारण मार्च में परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स 61.2 पर पहुंच गया, जो फरवरी में 60.6 पर था।

सर्वे में कहा गया है कि भारत की सेवाओं की तेज मांग से चालू वित्त वर्ष के अंत में इस सेक्टर में सकारात्मक माहौल बना।

सर्वे में कहा गया है, ‘भारत की सेवाओं की तेज मांग से इस सेक्टर में चालू वित्त वर्ष के अंत में सकारात्मक माहौल बना। मार्च में कुल बिक्री और कारोबारी गतिविधियों में करीब 14 साल का सबसे तेज विस्तार हुआ। इसे नए निर्यात ऑर्डर में रिकॉर्ड तेजी से मदद मिली।’

मार्च के आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई 2021 से लगातार 32वें महीने सेवा गतिविधियां 50 अंक से ऊपर रही हैं। 50 से ऊपर अंक प्रसार और इससे कम इस क्षेत्र के संकुचन के संकेत देता है।

मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत का विनिर्माण पीएमआई (मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई) 16 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इस तरह से कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स बढ़कर 8 महीने के उच्च स्तर 61.8 पर पहुंच गया है, जो इसके पहले महीने में 60.6 था। यह 21 मार्च को जारी शुरुआती आंकड़े 61.3 की तुलना में अधिक है।

वैश्विक बैंक के इस सर्वे में करीब 400 कंपनियां अपनी राय देती हैं, जो ट्रांसपोर्ट, इन्फॉर्मेशन, कम्युनिकेशन, फाइनैंस, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट, नॉन रिटेल कंज्यूमर और बिजनेस सर्विसेज क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं।

विस्तृत आंकड़ों से पता चलता है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों क्षेत्रों से भारतीय सेवाओं की बेहतर मांग है। सितंबर 2014 में यह सीरीज शुरू होने के बाद से नया निर्यात कारोबार सबसे तेज दर से बढ़ा है। सर्वे में शामिल प्रतिभागियों ने अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अमेरिका और पश्चिम एशिया से लाभ की सूचना दी।

सर्वे में शामिल सेवा अर्थव्यवस्था के सभी 4 व्यापक क्षेत्रों में उत्पादन व बिक्री तेजी से बढ़ी है। इसमें बीमा और वित्त क्षेत्र दोनों मामले में शीर्ष पर रहे हैं।

एचएसबीसी में अर्थशास्त्री आइनेस लाम ने कहा कि भारत का सेवा पीएमआई फरवरी में मामूली गिरावट के बाद मार्च में बढ़ा है, जिसे तेज मांग और बिक्री व कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि से समर्थन मिला है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सेवा प्रदाताओं ने अगस्त 2023 से ही भर्ती गतिविधियां बढ़ा दी हैं, जिससे उत्पादन गतिविधियां बढ़ाई जा सकें। इनपुट लागत सबसे तेज दर से बढ़ी है, इसके बावजूद सेवा प्रदाता ज्यादा आउटपुट मूल्य लेकर मुनाफा बरकरार रखने में सफल रहे हैं। ’

वृद्धि की रफ्तार में तेजी के बाद आगे के बारे में सर्वे में कहा गया है कि इनपुट लागत और आउटपुट शुल्क पर कीमत का दबाव तेजी से बढ़ा है, जबकि श्रमिकों व सामग्री पर खर्च बढ़ने की खबर है। इसकी वजह से कुल मिलाकर सेवा फर्मों का व्यय बढ़ेगा।

First Published : April 4, 2024 | 9:57 PM IST