facebookmetapixel
35% गिर सकता है ये सरकारी Railway Stock! ब्रोकरेज का दावा, वैल्यूएशन है महंगाक्या सोने की बढ़ती कीमतें आने वाली महंगाई का संकेत दे रही हैं? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा संकेतPhysicsWallah या Emmvee या Tenneco! किस IPO में पैसा लगाने रहेगा फायदेमंद, जान लेंPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजीएमएसएमई का सरकार से एनपीए नियमों में बड़े संशोधन का आग्रह, 90 से 180 दिन की राहत अवधि की मांगएनएफआरए में कार्य विभाजन पर विचार, सरकार तैयार कर रही नई रूपरेखाकोयले से गैस भी बनाएगी NTPCलालकिले के धमाके का असर! विदेशियों की बुकिंग पर दबाव, लेकिन उद्योग बोले– असर होगा सिर्फ कुछ दिनों काअल्ट्राटेक से अदाणी तक: रद्द खदानों पर कंपनियों को राहत, सरकार ने शुरू की अंतिम मुआवजा प्रक्रिया

लगातार चौथे माह सेवा गतिविधियां सुस्त

Last Updated- December 15, 2022 | 3:45 AM IST

सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जुलाई में लगातार चौथे महीने सुस्त रहीं। बिक्री में गिरावट और घरेलू व विदेशी बाजारों में मांग कमजोर होने की वजह से यह क्षेत्र बहुत नीचे चला गया है। साथ ही महामारी की वजह से प्रतिबंधों के कारण काम प्रभावित हुआ है।
आईएचएस मार्किट की सर्विस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स (सर्विस पीएमआई) में संकुचन बना हुआ है। जुलाई में यह 34.2 है, जो जून के 33.7 से ऊपर है। पीएमआई के आंकड़ों में 50 अंक  से ऊपर प्रसार और उससे नीचे संकुचन दर्शाता है। पिछले 3 महीने से सेवा पीएमआई में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, वहीं सुधार की रफ्तार कम हुई है। मई में पीएमआई 12.6 और अप्रैल में महज 5.4 था।
कारोबारी बंदी बढ़ाए जाने और कमजोर मांग जारी रहने से जुलाई में सुस्ती रही है। हालांकि गिरावट थोड़ी कम हुई है, लेकिन यह अभी बहुत ज्यादा बनी हुई है। कोविड-19 महामारी की वजह से नए काम बंद हो गए हैं और कंपनियों का परिचालन अस्थायी रूप से लंबित हुआ है।
सर्वे में कहा गया है, ‘जून से थोड़ी बढ़ोतरी के बावजूद आगे सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेज गिरावट के संकेत मिल रहे हैं। हाल के आंकड़े भी करीब 15 साल के आंकड़ों के संग्रह का निचला स्तर है, जो सिर्फ इसके पहले के 3 महीनों से ऊपर है।’
हाल के महीने में नए ऑर्डर में तेज गिरावट आई है, जिससे प्रमुख ग्राहकों की कम जरूरतों और खपत की आदतों में कमी का पता चलता है। घरेलू मांग जहां सुस्त बनी हुई है, निर्यात ऑर्डर में भी गिरावट है। सर्वे के मुताबिक नए निर्यात ऑर्डर में हाल की गिरावट कुल नए कारोबार की तुलना में सुस्त है, लेकिन मार्च से अब तक सबसे कम सुस्ती है।
इसकी वजह से हर क्षेत्र में छंटनी जारी है।  छंटनी की दर रिकॉर्ड स्तर पर तेज है। कंपनियां इसकी वजह ग्राहकों की ओर से कम मांग और  अस्थायी रूप से कारोबार की बंदी बता रही हैं।
लॉकडाउन के पहले निर्यात के मामले में सेवा क्षेत्र से उम्मीदें ज्यादा थीं, जो फरवरी में 85 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। फरवरी में विदेशी बाजारों से नए ऑर्डर बढऩे से स्थायी वृद्धि र्द हो रही थी। लेकिन हाल के महीने में नौकरियों की स्थिति खराब हुई है।
बहरहाल जुलाई महीने में क्षमता पर दबाव बढऩे के संकेत मिले हैं क्योंकि फर्मों ने जुलाई में बैकलॉग पूरा करने की कवायद की। बकाया कारोबार का स्तर एक बार फिर बढ़ गया है, जबकि विस्तार की दर अक्टूबर 2017 के बाद से सबसे तेज है।
जून महीने में स्थिति में गिरावट जारी है, ऐसे में सर्वे में शामिल कंपनियां अगले 12 महीने के कारोबार को लेकर निराश नजर आईं। कारोबारी आत्मविश्वास घटा है और सर्वे में कहा गया है कि साल के आने वाले समय में उम्मीदें नकारात्मक हैं। नकारात्मक धारणा मुख्य रूप से अनिश्चितता, लॉकडाउन के कदमों और गंभीर आर्थिक मंदी  की वजह से है।
आखिर में मूल्यों के आंकड़ों से पता चलता है कि इनपुट लागत मार्च के बाद से पहली बार बढ़ी है, जिसकी वजह ईंधन और ढुलाई की लागत में बढ़ोतरी और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा ज्यादा शुल्क लिया जाना है। वहीं प्रतिस्पर्धा भी ज्यादा है क्योंकि बहुत मामूली नए काम उपलब्ध हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में इसी तरह के सर्वे में पता चला था कि विनिर्माण गतिविधियों में भी जुलाई महीने में लगातार चौथे महीने गिरावट दर्ज की गई है और स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन, मांग घटने व श्रमिकों के संकट और लॉजिस्टिक्स चुनौतियों का असर पड़ा है।

First Published - August 6, 2020 | 12:24 AM IST

संबंधित पोस्ट