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सर्वकालिक निचले स्तर पर रुपया

भारतीय रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 83.43 पर बंद हुआ।

Last Updated- March 22, 2024 | 9:35 PM IST
Rupee and Dollar

आयातकों की मांग और एशिया की अन्य मुद्राओं में गिरावट के कारण शुक्रवार को रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर बंद हुआ। डॉलर के मुकाबले रुपये में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं इस बीच देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है।

आज डॉलर के मुकाबले रुपया 83.43 पर बंद हुआ, जबकि गुरुवार को 83.16 पर बंद हुआ था। इसके पहले की सबसे निचले स्तर की बंदी 13 दिसंबर 2023 की है, जब डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 83.40 पर बंद हुआ था। बाजार के हिस्सेदारों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप नहीं किया, जिसके कारण कारोबार के आखिरी घंटों में रुपये में तेज गिरावट आई।

कोटक सिक्योरिटीज में करेंसी डेरिवेटिव्स ऐंड इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स के वाइस प्रेसीडेंट (वीपी) अनिंद्य बनर्जी ने कहा, ‘तीन वजहें रहीं। पहली, चीन की मुद्रा युआन में गिरावट। दूसरी, पिछले एक सप्ताह से चल रही डॉलर की कमी। लेकिन मुख्य वजह यह रही कि बाजार में रिजर्व बैंक मौजूद नहीं था।’

उन्होंने कहा, ‘जब हाजिर बंदी सर्वकालिक निचले स्तर पर रही, तो उसके बाद वायदा बाजार में हमने काफी शॉर्ट कवरिंग देखी। इसलिए मुझे लगता है कि रिजर्व बैंक शायद यह सोच रहा था कि मंगलवार वित्त वर्ष की आखिरी हाजिर तिथि होगी। इससे निर्यात को बेहतर दर मिलने में मदद मिल सकती है। इसलिए हम मंगलवार को रिजर्व बैंक का भारी हस्तक्षेप देख सकते हैं।’

10 नवंबर, 2023 को भारतीय रुपया कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 83.48 पर पहुंच गया था। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में 642.49 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। एक सप्ताह में भंडार 6.4 अरब डॉलर बढ़ा है।

इसके पहले का उच्च स्तर 3 सितंबर, 2021 को 642 अरब डॉलर था। डीलरों का कहना है कि 11 मार्च को परिपक्व हुए डॉलर रुपये स्वैप की रिजर्व बैंक ने डिलिवरी ले ली और उसे आगे नहीं बढ़ाया, भंडार बढ़ने की एक वजह यह भी हो सकती है। भारत के केंद्रीय बैंक ने इस वित्त वर्ष में विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाले देशों में चीन के बाद सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार जमा किया है।

विदेशी मुद्रा संपत्तियों में इस सप्ताह 6.03 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। विदेशी मुद्रा के कारोबारियों ने कहा कि रिजर्व बैंक ने सप्ताह के दौरान हाजिर बाजार से बड़े पैमाने पर डॉलर की खरीदारी की, जिससे डेट व इक्विटी बाजार में तेज आवक को समायोजित किया जा सके।

शुक्रवार को डॉलर सूचकांक में 6 प्रमुख मुद्राओं के बॉस्केट की तुलना में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 104.30 पर पहुंच गया। गुरुवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका में बेरोजगारी में गिरावट आई है और फरवरी में मकान की बिक्री एक साल के उच्च स्तर पर रही है। पिछले सप्ताह में रुपये में उल्लेखनीय रूप से उतार चढ़ाव हुआ है। यह सप्ताह में 0.7 प्रतिशत गिरा है, जो 7 महीनों में सबसे तेज गिरावट है।

एलकेपी सिक्योरिटीज में वीपी रिसर्च एनॉलिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘अमेरिका में ब्याज दर में तेजी के विचार के बावजूद खास आंकड़ों पर आधारित ब्याज दर में गिरावट अभी प्रभावी है। ऐसे में उतार चढ़ाव के साथ डॉलर के मुकाबले रुपया 82.85 से 83.55 के बीच रह सकता है।’चालू माह में डॉलर के मुकाबले रुपये में 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। तेज आवक के समर्थन से फरवरी में यह 0.2 प्रतिशत मजबूत हुआ था।

चालू वित्त वर्ष में रुपये में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं मौजूदा कैलेंडर वर्ष में यह अब तक 0.3 प्रतिशत गिरा है। इसके पहले के वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2023) में यह 7.8 प्रतिशत गिरा था। कैलेंडर वर्ष 2023 में रुपये में डॉलर के मुकाबले 0.6 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई थी, जो एक साल में पिछले करीब 3 दशक का सबसे कम उतार चढ़ाव था।

First Published - March 22, 2024 | 9:35 PM IST

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