देश में खुदरा महंगाई में थोड़ी तेजी आई है। सितंबर के मुकाबले यह थोड़ी बढ़कर अक्टूबर में 7.61 प्रतिशत पर पहुंच गई। पिछले पांच महीनों से महंगाई में तेजी देखी जा रही है और कम से कम पिछले सात महीनों से यह सहज स्तर से ऊपर रही है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के अनुसार महंगाई दर 2 से 6 प्रतिशत के बीच रहनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा महंगाई लगातार पिछले 11 महीनों से 6 प्रतिशत से अधिक रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत के बीच आपूर्ति से जुड़ीं बाधाओं की वजह से महंगाई में तेजी चिंता का विषय है। अर्थव्यवस्था में मांग की स्थिति बताने वाले प्रमुख मुहंगाई (कोर इन्फ्लेशन) भी पिछले चार महीनों से लक्षित दायरे में रही है। अक्टूबर में यह 5.77 प्रतिशत रही, जो सितंबर में 5.67 प्रतिशत थी।
