facebookmetapixel
कनाडा पर ट्रंप का नया वार! एंटी-टैरिफ विज्ञापन की सजा में 10% अतिरिक्त शुल्कदेशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धता

सरकार को कर संग्रह के मोर्चे पर राहत, ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू 16.5 फीसदी बढ़ा

अप्रैल से अगस्त के दौरान सरकार को मिला 11.8 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रेवेन्यू

Last Updated- September 29, 2023 | 10:57 PM IST
CBDT allows tax officials to waive or reduce interest due from taxpayers टैक्सपेयर्स के लिए राहत की खबर, CBDT ने ब्याज माफी के नियमों को बनाया लचीला

चालू वित्त वर्ष के पहले 4 महीनों में दबाव का सामना करने के बाद केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के बीच सरकार का सकल कर राजस्व 16.5 फीसदी बढ़कर 11.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है। सकल कर राजस्व में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर दोनों शामिल हैं।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार शुद्ध कर प्राप्तियां 14.8 फीसदी बढ़कर 8.004 लाख करोड़ रुपये रही। यह आंकड़ा पूरे वर्ष के लिए निर्धारित 23.3 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य का 34.5 फीसदी है।

अगस्त में सालाना आधार पर राजस्व में शानदार बढ़ोतरी हुई है जिसमें ऊंचे कर संग्रह, खास तौर पर प्रत्यक्ष कर का अहम योगदान रहा है। इसके साथ ही राज्यों को कर में कम हिस्सा दिए जाने से भी खासा असर हुआ है। चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक सकल राजस्व मात्र 2.8 फीसदी बढ़ा था जबकि शुद्ध कर राजस्व में 12.6 फीसदी की कमी आई थी।

केंद्र सरकार की कुल कर प्राप्तियां 21 फीसदी बढ़कर 10.29 लाख करोड़ रुपये हो गईं। अप्रैल-अगस्त 2022 की तुलना में कॉर्पोरेट कर में 15 फीसदी और आयकर संग्रह में 36 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।

पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कॉर्पोरेट कर 2.3 लाख करोड रुपये रहा। वास्तव में अगस्त में दर्ज मासिक संग्रह 62,817 करोड रुपये रहा जो चालू वित्त वर्ष में इस लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा महीना रहा। इसी अवधि के दौरान व्यक्तिगत आयकर संग्रह 3.6 लाख करोड़ रुपये रहा। अप्रैल से अगस्त के दौरान सरकार का पूंजीगत व्यय 48 फीसदी बढ़कर 3.74 लाख करोड़ रुपये रहा जिससे कुल व्यय 20 फीसदी बढ़कर 16.71 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।

कुल मिलाकर 12.17 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते और 3.73 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत खातों से खर्च हुए हैं। कुल राजस्व में 3.67 लाख करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के मद में और 1.80 लाख करोड रुपये सब्सिडी के मध्य में गए हैं।

राजस्व बढ़ने से सरकार को काफी राहत मिली है और यह भरोसा भी जगा है कि वह चालू वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का 5.9 फीसदी का लक्ष्य पूरा कर लेगी। अप्रैल-अगस्त की अवधि में सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़कर 6.43 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पूरे वर्ष के लिए तय 17.87 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य का 36 फीसदी है।

मौजूदा आंकड़ों पर इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कुल मिलाकर सरकार को राजकोषीय मोर्चे पर फिलहाल चिंता अधिक नहीं दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि कम से कम अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 की अवधि में बाजार से उधार लेने के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं दिखा है।

First Published - September 29, 2023 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट