वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दीवाली से पहले आत्मनिर्भर भारत प्रोत्साहन के तीसरे चरण के तहत 12 नए उपायों की घोषणा की है। बुधवार को वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के लिए इन उपायों के तहत 2.65 लाख करोड़ रुपये रकम खर्च करने की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने जिन अहम क दमों की घोषणा की है, उनमें संकट का सामना कर रहे 26 क्षेत्रों को ऋण गारंटी समर्थन देना शामिल है। खासकर, सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष जोर दिया है। इसके अलावा संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रियल एस्टेट कंपनियों और खरीदारों के लिए कर राहत, ढांचागत क्षेत्र में पूंजी निवेश करने से जुड़ी शर्तें आसान बनाए जाने की घोषणा सरकार की तरफ से हुई है। किसानों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने उन्हें उर्वरक सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया है।
प्रोत्साहन के चौथे चरण (कुल 2.65 लाख करोड़ रुपये में) में 10 क्षेत्रों के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना भी शामिल है। केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को इस योजना पर मुहर लगा चुका है। यह योजना अगले पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगी और इस पर करीब 1.46 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इससे पहले सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मई में राहत उपायों की घोषणा की थी और ताजा उपाय उसी का हिस्सा है। हालांकि सरकार द्वारा पहले उठाए गए कदमों से अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने में बहुत मदद नहीं मिल पाई थी। वित्त मंत्री सीतारमण ने बुधवार को नए उपायों की घोषणा के दौरान कहा, ‘प्रोत्साहन संबंधी घोषणाओं के सिलसिले में मैं कुछ नए उपायों की घोषणा करना चाहूंगी। कई आर्थिक संकेतक देश की अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार आने की झलक दे रहे हैं।’
सीतारमण ने कहा कि अब तक कुल 29.87 लाख करोड़ रुपये मूल्य के प्रोत्साहनों की घोषणाएं की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यह राशि देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद का 15 प्रतिशत है। अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए की गई ताजा उपायों के तहत वित्त मंत्रालय ने एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी समर्थन योजना देने की घोषणा की है। इस क्षेत्र की कई कंपनियां पूंजी के लिए संघर्ष कर रही हैं, जिसे देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने आपात ऋण योजना गारंटी योजना के तहत मुश्किल दौर से गुर रहे 26 क्षेत्रों को शामिल किया।
