Retail Inflation: मंहगाई के मोर्चे पर आम जनता को थोड़ी राहत मिली है। दिसंबर 2024 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (consumer price Index) पर आधारित खुदरा महंगाई घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.22 फीसदी पर आ गई। नवंबर में यह 5.48 फीसदी पर थी जबकि ठीक एक साल पहले यानी दिसंबर 2023 में खुदरा महंगाई 5.69 फीसदी पर थी। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी। इससे पहले अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई 7.79 फीसदी के हाई पर पहुंच गई थी।
खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में आई नरमी के कारण खुदरा महंगाई में गिरावट देखने को मिली है। कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CFPI) पर आधारित फूड इंफ्लेशन घटकर 8.39 फीसदी पर आ गई। नवंबर में यह 9.05 फीसदी पर थी। एक साल पहले की समान अवधि यानी दिसंबर 2023 में यह 9.53 पर थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने महंगाई के अनुमान को 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने खाद्य कीमतों पर दबाव के कारण अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कुल महंगाई के उच्चस्तर पर बने रहने की भी आशंका जतायी थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित कुल महंगाई जुलाई-अगस्त के दौरान औसतन 3.6 फीसदी से बढ़कर सितंबर में 5.5 फीसदी और अक्टूबर, 2024 में 6.2 फीसदी रही थी।
Month | CPI (change in %) | CFPI (change in %) |
January 2024 | 5.1 | 8.30 |
February | 5.09 | 8.66 |
March | 4.85 | 8.52 |
April | 4.83 | 8.70 |
May | 4.8 | 8.69 |
June | 5.08 | 9.36 |
July | 3.6 | 5.42 |
August | 3.65 | 5.66 |
September | 5.49 | 9.24 |
October | 6.21 | 10.87 |
November | 5.48 | 9.04 |
December* | 5.22 | 8.39 |
Source : NSO
सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को खुदरा महंगाई को दो फीसदी घट-बढ़ के साथ चार फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी दी है। केंद्रीय बैंक ने महंगाई को लक्ष्य के अनुरूप लाने के मकसद से पिछले महीने पेश मॉनेटरी पॉलिसी में प्रमुख नीतिगत दर रीपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया था।