रिफाइनिंग कारोबार के लिए स्वर्ण युग, वैश्विक गैस बाजार में सख्ती और दूरसंचार ग्राहक गुणवत्ता में सुधार के बल पर रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) कैलेंडर वर्ष 2022 के अंत तक 20 अरब डॉलर से अधिक एबिटा दर्ज कर सकती है। ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली ने आज जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही।
एबिटा में सुधार होने से कंपनी के बाजार पूंजीकरण में भी बढ़ोतरी होगी। ब्रोकरेज का कहना है कि इस दौरान आरआईएल के बाजार पूंजीकरण में 50 अरब डॉलर का सुधार होगा। उसने कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिफाइनरी मार्जिन बढ़कर करीब दोगुना हो जाएगा और उसे अगले आधे दशक तक बरकरार रहने के आसार हैं।
ब्रोकरेज ने यह अनुमान ऐसे समय में जाहिर किया है जब आरआईएल का शेयर आज बीएसई पर करीब 4 फीसदी की गिरावट के साथ 2,517.15 रुपये पर बंद हुआ। बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच पिछले एक सप्ताह के दौरान इस शेयर में करीब 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। बीएस रिसर्च ब्यूरो द्वारा संकलिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक इस शेयर में 6.3 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। हाल में आरआईएल का बाजार पूंजीकरण बढ़कर 250 अरब डॉलर को छू गया था और इस लिहाज से वह भारत की पहली कंपनी बन गई थी। शुक्रवार को कंपनी ने 31 मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर की सकल बिक्री दर्ज की। कंपनी के वित्तीय नतीजों से पता चलता है कि जीएसटी एवं उत्पाद शुल्क को छोड़कर शुद्ध राजस्व 91 अरब डॉलर हो गया।
वित्त वर्ष 2022 में आरआईएल का एबिटा 16.6 अरब डॉलर पर रहा, जो सालाना आधार पर करीब 29 प्रतिशत की वृद्घि है, जबकि शुद्घ लाभ सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढ़कर 8.8 अरब डॉलर रहा और इसे तेल-रसायन (ओ2सी), दूरसंचार और रिटेल व्यवसायों से मदद मिली।
ब्रोकरेज ने कहा, ‘आरआईएल अपने कृष्णा गोदावरी (केजी) तट से प्रतिदिन 1.8 करोड़ घन मीटर गैस का उत्पादन कर रही है और अगले दो साल में हम इस आंकड़े को बढ़ाकर 3 करोड़ पर पहुंचाना चाहते हैं। इसमें वृद्घि जनवरी 2023 से की जाएगी। बढ़ते उत्पादन, ऊंची वैश्विक गैस कीमतें आरआईएल के लाभ को आगामी वर्षों में कई गुना बढ़ा सकती हैं।’
मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि आरआईएल के केजी गैस क्षेत्र के लिए गैस कीमतें मार्च तिमाही के 6.13 डॉलर से बढ़कर 9.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू पर पहुंच गईं और अगले 6 महीनों में इनमें और इजाफा होने की संभावना है।
ब्रोकरेज ने कहा है कि साथ ही, डिजिटल कॉमर्स के लिए लोकप्रियता बढ़ी है। इसमें लगातार 20 प्रतिशत राजस्व योगदान से मार्जिन में इजाफा हो सकता है।
वित्त वर्ष 2022 के लिए आरआईएल की पूंजीगत खर्च 13 अरब डॉलर रहा जो सालाना आधार पर 25 प्रतिशत की वृद्घि है और यह अगले कुछ वर्षों के दौरान बरकरार रहने का अनुमान है।