RBI’s gold purchase 2024: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बीते साल 2024 में अपने गोल्ड रिजर्व में 72.6 टन का इजाफा किया। यह लगातार सातवां साल है जब आरबीआई ने सोने की नेट खरीदारी की है। सालाना आधार पर देखें तो 2001 के बाद यह केंद्रीय बैंक की तरफ से सोने की तीसरी सबसे बड़ी खरीद है। इससे ज्यादा खरीदारी 2021 और 2009 में देखने को मिली थी। आरबीआई ने 2021 में 77 टन जबकि 2009 मेंं 200 टन सोना खरीदा था।
कैलेंडर ईयर | सोने की खरीद (टन) |
2024 | 72.6 |
2023 | 16 |
2022 | 33 |
2021 | 77 |
2020 | 38 |
2019 | 32.7 |
2018 | 40.5 |
(स्रोत: आरबीआई)
हालांकि लगातार 11 महीने की खरीद के बाद आरबीआई (RBI) ने दिसंबर में सोने की खरीदारी से परहेज किया। ठीक एक महीने पहले नवंबर में केंद्रीय बैंक ने लगातार 11वें महीने गोल्ड खरीदने का सिलसिला बरकरार रखा था। देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में गोल्ड की हिस्सेदारी फिलहाल बढ़कर 10.6 फीसदी पर पहुंच गई है। एक साल पहले यह हिस्सेदारी 7 .7 फीसदी थी।
केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2024 के अंत में देश का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 876.18 टन पर पहुंच गया। पिछले साल के मुकाबले यह 9 फीसदी ज्यादा है। 5 जनवरी 2024 को देश का गोल्ड रिजर्व 804.68 टन था। वैल्यू के लिहाज से देखें तो 2024 के दौरान देश के गोल्ड रिजर्व में 19 अरब डॉलर यानी 40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।2024 की शुरुआत में देश का गोल्ड रिजर्व 47.49 अरब डॉलर था जो साल के अंत में बढ़कर 66.27 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसी अवधि में देश का कुल फॉरेक्स रिजर्व 617 अरब डॉलर से बढ़कर 640 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
अवधि | गोल्ड रिजर्व (टन) | गोल्ड रिजर्व (अरब डॉलर ) |
1 दिसंबर 2023 | 803.58 टन | 47.33 |
5 जनवरी 2024 | 804.68 टन | 47.49 |
25 अक्टूबर 2024 | 866.85 टन | 68.53 |
1 नवंबर 2024 | 867.79 टन | 69.75 |
8 नवंबर 2024 | 870.59 टन | 67.81 |
15 नवंबर 2024 | 874.32 टन | 65.75 |
22 नवंबर 2024 | 876.18 टन | 67.57 |
29 नवंबर 2024 | 876.18 टन | 66.98 |
6 दिसंबर 2024 | 876.18 टन | 66.94 |
13 दिसंबर 2024 | 876.18 टन | 68.06 |
20 दिसंबर 2024 | 876.18 टन | 65.73 |
27 दिसंबर 2024 | 876.18 टन | 66.27 |
स्रोत: आरबीआई (RBI)
2024 में की गई कुल खरीदारी का एक तिहाई सोना तो आरबीआई ने सिर्फ अक्टूबर और नंवबर में खरीदा। नवंबर 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से 8.4 टन सोने की खरीदारी की गई। अक्टूबर में आरबीआई ने 14 टन गोल्ड खरीदा था। इससे पहले 2023 में देश के गोल्ड रिजर्व में 16.2 टन की वृद्धि देखने को मिली थी। वहीं 2022 में देश का गोल्ड रिजर्व 33 टन बढ़ा था।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की तरफ से नवंबर तक के जो आंकड़े आए हैं उसके मुताबिक दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों में आरबीआई 2024 में सोने का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार रहा है।
महीना (2024) | खरीद (टन) |
दिसंबर | — |
नवंबर | 8.4 |
अक्टूबर | 14 |
सितंबर | 6 |
अगस्त | 3 |
जुलाई | 5 |
जून | 9.3 |
मई | 3.7 |
अप्रैल | 6 |
मार्च | 5 |
फरवरी | 6 |
जनवरी | 9 |
(स्रोत: आरबीआई)
जानकारों के अनुसार बदलते जियो-पॉलिटिकल परिदृश्य के मद्देनजर भारत जैसे विकासशील देश अपने गोल्ड रिजर्व में लगाजार इजाफा कर रहे हैं। फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी में लगातार बढ़ोतरी फॉरेक्स रिजर्व को डायवर्सिफाई करने की रणनीति का भी हिस्सा है। गोल्ड की कीमतों में साल के अंतिम दो महीने में आई गिरावट ने भी आरबीआई को सोने की खरीद के लिए प्रोत्साहित किया। लगातार चार महीने की तेजी के बाद सोने की कीमतों में नवंबर और दिसंबर के दौरान नरमी दर्ज की गई। नवंबर और दिसंबर में घरेलू मार्केट में गोल्ड क्रमश: 4 फीसदी और 2 फीसदी कमजोर हुए। हालांकि 2024 में गोल्ड ने 2024 में घरेलू (भारतीय रुपये) और ग्लोबल (यूएस डॉलर) मार्केट में क्रमश: 26 फीसदी और 21 फीसदी का रिटर्न दिया।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली और रुपये में गिरावट के बीच फॉरेक्स रिजर्व में गोल्ड की हिस्सेदारी का बढ़ना महत्वपूर्ण है। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर और नवंबर में भारतीय शेयर बाजारों से क्रमश: 94,017 और 21,612 करोड़ रुपये निकाले। फॅारेन एक्सचेंज मार्केट में भारतीय रुपया भी फिलहाल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.46 के लेवल पर है।
लगातार दूसरे महीने चीन के केंद्रीय बैंक ने की खरीदारी
इस बीच चीन के केंद्रीय बैंक ने दिसंबर में लगातार दूसरे महीने सोने की खरीदारी की। चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) की तरफ से दिसंबर 2024 में 10 टन सोने की खरीद की गई। इससे पहले छह महीने के ब्रेक यानी अप्रैल 2024 के बाद पहली बार नवंबर 2024 में चीन के केंद्रीय बैंक ने सोना खरीदा था। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) की तरफ से नवंबर में 5 टन सोने की खरीद की गई थी। पूरे कैलेंडर ईयर 2024 की बात करें तो इस दौरान चीन के गोल्ड रिजर्व में 44 टन की बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 2,280 टन पर पहुंच गया जो उसके कुल फॉरेक्स रिजर्व का तकरीबन 5.5 फीसदी है। हालांकि 2022 के बाद सालाना आधार पर यह गोल्ड की सबसे कम खरीदारी है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि सोने की कीमतों में आई कमी और ट्रंप की जीत के बाद बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य (geo-political scenario) के मद्देनजर चीन के केंद्रीय बैंक ने फिर से सोने की खरीदारी शुरू कर दी है। इस साल अप्रैल में लगातार 18वें महीने चीन के गोल्ड रिजर्व में इजाफा देखा गया था। अप्रैल के दौरान चीन का गोल्ड रिजर्व 2 टन बढ़कर 2,264 टन पर पहुंच गया था। हालांकि चीन के गोल्ड रिजर्व में यह 18 महीने की सबसे कम बढ़ोतरी थी। चीन के केंद्रीय बैंक ने 2023 के दौरान अपने गोल्ड रिजर्व में 225 टन की बढ़ोतरी की थी।
क्यों सेंट्रल बैंक खरीद रहे सोना ?
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के के सर्वे (2024 Central Bank Gold Reserves (CBGR) survey) में भी यह बात सामने आई है कि केंद्रीय बैंकों की तरफ से खरीदारी की सबसे बड़ी वजह लॉन्ग टर्म स्टोर ऑफ वैल्यू यानी इन्फ्लेशन के खिलाफ हेज के तौर पर सोने की भूमिका है। खरीदारी की दूसरी बड़ी वजह इस कीमती धातु का संकट के दौर में प्रदर्शन है। तीसरी वजह पोर्टफोलियो को प्रभावी रूप से डायवर्सिफाई करने में सोने की भूमिका जबकि चौथी वजह डिफॉल्ट को लेकर सोने का जोखिम रहित होना है। जबकि पांचवीं वजह सोने का ऐतिहासिक महत्व (Historical Position) है।
Long-term store of value/inflation hedge: 88%
Performance during times of crisis: 82%
Effective portfolio diversifier: 76%
No default risk: 72%
Historical position: 71%
(Source: WGC)