अर्थव्यवस्था

त्योहारी खर्च ने भर दी अर्थव्यवस्था में जान! आरबीआई रिपोर्ट में मिला बड़ा संकेत

आरबीआई की मासिक रिपोर्ट के अनुसार उच्च-आवृत्ति संकेतक विनिर्माण और सेवाओं में मजबूत विस्तार का संकेत देते हैं

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मनोजित साहा   
Last Updated- November 25, 2025 | 9:01 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अर्थव्यवस्था से जुड़ी मासिक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों के युक्तिकरण और त्योहार के मौके पर किए गए खर्च के चलते अक्टूबर महीने में भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेज रफ्तार पकड़ी जिसका अंदाजा उच्च आवृत्ति वाले संकेतकों से मिलता है।

आरबीआई की डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता के मार्गदर्शन में आरबीआई के कर्मचारियों द्वारा लिखी गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पिछले महीने की तुलना में जीएसटी संग्रह में सुधार हुआ है जो उपभोक्ता मांग में मजबूत वृद्धि के संकेत देता है।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर के उच्च-आवृत्ति संकेतक, विनिर्माण गतिविधि में और विस्तार होने तथा सेवा क्षेत्र में लगातार मजबूत विस्तार के संकेत देते हैं। हालांकि यह स्पष्ट किया गया कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और यह आरबीआई के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अक्टूबर के महीने में मांग की स्थितियों में और तेजी आई है जो अनुकूल विकास के रुझान के संकेत देती है।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर व्यापक आर्थिक ढांचे और नतीजों ने न केवल वित्तीय संस्थानों की व्यापक अर्थव्यवस्था का समर्थन करने की क्षमता बढ़ाई है बल्कि आरबीआई को वित्तीय मध्यस्थता की दक्षता में सुधार और व्यापक अर्थव्यवस्था में ऋण बढ़ाने के लिए नियामक उपायों को बेहतर ढंग से समायोजित करने की गुंजाइश दी है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस साल अब तक किए गए राजकोषीय, मौद्रिक और नियामकीय उपायों से अधिक निजी निवेश, उत्पादकता और वृद्धि के लिए एक सकारात्मक चक्र की राह तैयार होनी चाहिए और इससे दीर्घकालिक स्तर पर अर्थव्यवस्था में बदलती आर्थिक परिस्थितियों के अनुकूल होने की क्षमता भी बढ़ेगी।’

वहीं मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दर को 100 आधार अंक कम करके दरों के मोर्चे पर कदम बढ़ाया है वहीं सरकार ने अपनी ओर से जीएसटी की दरों में कमी की है। वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा कारोबार करने में सुगमता बढ़ाने के लिए आरबीआई ने कई नियामकीय उपाय भी किए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अक्तूबर 2025 में व्यापारिक वस्तुओं के व्यापार का घाटा सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।

First Published : November 25, 2025 | 9:01 AM IST