भारत की वृद्धि इस वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में निवेश की तुलना में कहीं खपत पर निर्भर करेगी। घरेलू खपत कम बढ़ने की उम्मीद है। इसका कारण जीएसटी दरों में कमी, आयकर में कटौती व ब्याज दरों में गिरावट है। यह जानकारी एसऐंडपी ग्लोबल ने दी।
रेटिंग एजेंसी ने अपनी एशिया प्रशांत क्षेत्र के नवीनतम इकनॉमिक आउटलुक में कहा, ‘मध्यम आय की खपत को कम जीएसटी की दरों, अनुपूरक आयकर कटौती और इस साल ब्याज दरों में कटौती से मदद मिलेगी। इन बदलावों के कारण इस वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में निवेश की जगह खपत से कहीं अधिक योगदान मिल सकता है।’
रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 26 के लिए 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 27 के लिए 6.7 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान को यथावत रखा है। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक अमेरिका के बढ़े हुए शुल्कों और वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है। एजेंसी ने वैश्विक चुनौतियों पर कहा कि अमेरिका के लगाए गए शुल्कों का भारत के निर्यात उन्मुख विनिर्माण के विस्तार पर असर पड़ा है लेकिन ‘भारत के उत्पादों पर अमेरिका के शुल्क कम करने का संकेत है।’