RBI MPC LIVE: रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार (6 दिसंबर) को मॉनेटरी पॉलिसी का एलान किया। आरबीआई गवर्नर ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया और रीपो रेट (Repo Rate) को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के 6 में 4 सदस्य ब्याज दरों में बदलाव पक्ष में नहीं थे। आरबीआई ने पॉलिसी स्टॉन्स ‘न्यूट्रल’ बनाए रखा है। वहीं, आरबीआई गवर्नर ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) 4.50 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी किया है। इससे बैंकिंग सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी बढ़ेगी।
आरबीआई ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 4.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जनवरी से मार्च में महंगाई कम होने का अनुमान है। आरबीआई ग्रोथ और महंगाई में तालमेल बनाकर चलेगा। रिजर्व बैंक की प्राथमिकता महंगाई को कंट्रोल करना है। आरबीआई की पॉलिसी से लोगों के जीवन पर असर पड़ा है। कीमतों में स्थिरता जरूरी है। यह आम लोगों के साथ बिजनेसेस, एक्सपोर्टर्स सभी के लिए जरूरी है। इसके साथ ही ग्रोथ भी जरूरी है।
मुख्य घटनाएं
Edelweiss MF के प्रेसिडेंट एंड सीआईओ (फिक्स्ड इनकम) धवल दलाल का कहना है, समझदारी और प्रेक्टिकल अपनाते हुए एमपीसी ने उच्च खाद्य महंगाई दर के बीच रीपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा, लेकिन दिसंबर में बैंकिंग सिस्टम की लिक्विडिटी की कमी को कम करने के लिए सीआरआर को 4% तक घटा दिया। इसका मतलब यह है कि हमारे विचार में पहली दर में कटौती संभवतः फरवरी 2025 में होगी।
आरबीआई की एमपीसी पॉलिसी पर एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि RBI ने लगातार 11वीं बार रेपो दरों को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। नकदी संकट को दूर करने के लिए CRR को घटाकर 4% करने का फैसला किया। CRR में यह कटौती भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए पॉजिटिव है। इससे बैंकों के लोन देने की क्षमता बढ़ेगी।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि रिजर्व बैंक AI के जिम्मेदार, नैतिक उपयोग के लिए फ्रेमवर्क सुझाने के लिए एक्सपर्ट कमिटी गठित करेगा।
आरबीआई ने रुपये को मजबूत करने के लिए NRI डिपॉजिट पर ब्याज दरों की अधिकतम सीमा बढ़ाई है।
आरबीआई ने रुपये को मजबूत करने के इरादे से एनआरआई जमाओं पर ब्याज दर की सीमा बढ़ाई है।
कृषि के लिए कोलेटरल फ्री लोन की लिमिट बढ़कर 2 लाख रुपये हुई: RBI
आरबीआई ने मॉनेटरी पॉलिसी के फैसले में सीआरआर में 0.5% की कटौती का एलान किया है। केंद्रीय बैंक के फैसले के बाद निफ़्टी का बैंक इंडेक्स 200 से ज्यादा अंक चढ़कर 53,800 के पार चला गया।
FY25 में करंट अकाउंट डेफिसिट कंट्रोल में रहने का अनुमान है: RBI
CRR में आधा फीसदी की कटौती से बैंकिंग सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी बढ़ेगी।
आरबीआई के ब्याज दरों को 6.5% पर स्थिर रखने के फैसले के बाद शेयर बाजारों में भारी उतार चढ़ाव देखने मिल रहा है। फिलहाल सेंसेक्स और निफ़्टी दोनों बेंचमार्क लाल निशान से निकल कर हरे निशान में आ गए हैं। 81,800 के आस पार कारोबार कर रहा है जबकि 24,718.60 के करीब ट्रेड कर रहा है।
आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रिटेल महंगाई का अनुमान 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत किया।
आरबीआई गवर्नर ने CRR 4.50 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी किया है।
रिजर्व बैंक ने FY25 में GDP ग्रोथ 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। Q1FY26 में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.3 से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है।
आरबीआई ने पॉलिसी का स्टॉन्स 'न्यूट्रल' बनाए रखा है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा- जनवरी से मार्च में महंगाई कम होने का अनुमान है। आरबीआई ग्रोथ और महंगाई में तालमेल बनाकर चलेगा।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रिजर्व बैंक की प्राथमिकता महंगाई को कंट्रोल करना है।
आरबीआई गवर्नर ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और रीपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।
ब्याज दरों को लेकर आरबीआई के फैसले से पहले एनएसई पर बैंक, आईटी, और इंडेक्स गिरावट में चले गए। इन सेक्टर्स के स्टॉक आज निवेशकों के रडार पर होंगे क्योंकि आरबीआई ब्याज दरों को लेकर अपने फैसले का ऐलान करेगा।
येस बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रनील पान ने कहा कि दिसंबर में दर में कटौती की संभावना शून्य है। उन्होंने कहा, ‘फरवरी में हम 50:50 संभावना देख रहे हैं, लेकिन कुछ निश्चित नहीं है। अप्रैल पर दांव लगाया जा सकता है।’ सितंबर और अक्टूबर में महंगाई दर बढ़ी हुई रही है, लेकिन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आगे चलकर महंगाई नीचे की ओर जाएगी, क्योंकि आधार का असर नजर आने लगेगा।
बैंक ऑफ अमेरिका में हेड ऑफ इंडिया ऐंड आसियान इकनॉमिक रिसर्च, राहुल बाजोरिया ने कहा, ‘हमने अपना आउटलुक बदला है। अक्टूबर में महंगाई दर उम्मीद से ज्यादा रहने के कारण अब दिसंबर के बजाय फरवरी में दर में कटौती की संभावना जताई गई है। ’
बैंकिंग, ऑटो और रियल्टी स्टॉक निवेशकों के रडार पर होंगे क्योंकि आरबीआई आज सुबह 10 बजे ब्याज दरों को लेकर अपने फैसले का ऐलान करेगा।
एचडीएफसी बैंक में प्रमुख अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, ‘दिसंबर में दर में कटौती की संभावना खत्म हो गई है। फरवरी या अप्रैल में कटौती संभव है। इसका वक्त वैश्विक प्रगति, खासकर शुल्क से जुड़े फैसलों, रुपये की चाल और घरेलू महंगाई और बॉन्ड यील्ड पर निर्भर होगी।’
अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने के साथ बाजार विशेषज्ञ यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि क्या आरबीआई ग्रोथ को जोर देने के लिए रेपो दर में कटौती करेगा या नहीं। उम्मीद से कमजोर जीडीपी प्रदर्शन के बावजूद, ब्लूमबर्ग के सर्वेक्षण में 25 में से 21 एनालिस्ट्स का अनुमान है कि एमपीसी लगातार ग्यारहवीं बैठक में रेपो रेट को स्थिर बनाये रखेगा। इस फैसले के आधार पर रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगी।
अपनी अक्टूबर की बैठक में एमपीसी ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा और अपने नीतिगत रुख को 'न्यूट्रल' में बदल दिया था। यह आर्थिक स्थितियों के आधार पर भविष्य में दर में कटौती का संकेत दे सकता है।
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