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RBI MPC: एनआरआई (NRIs) की ‘हो गई अब बल्ले बल्ले’..

रिजर्व बैंक गर्वनर ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक के बाद NRIs के लिए एक बड़ी घोषणा की है। जिससे NRIs के बैंक खातों में खूब दौलत बरसेगी। लेकिन ये सीमित समय के लिए होगा।

Last Updated- December 07, 2024 | 9:41 PM IST
Reserve Bank announced to increase the limit of interest rate on foreign currency deposits रिज़र्व बैंक ने विदेशी मुद्रा जमा पर ब्याज दर की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया

शुक्रवार को रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने विदेशों में बसे भारतीयों के लिए एक अहम घोषणा करते हुए विदेशी मुद्रा जमा पर ब्याज दर की सीमा बढ़ाने का ऐलान कर दिया। इसके बाद प्रवासी भारतीयों को अपने भारतीय बैंक के खातों में जमा राशि पर ज्यादा ब्याज़ मिलेगा। लेकिन ये योजना केवल अगले वर्ष 31 मार्च तक ही उपलब्ध होगी।

शुक्रवार से बैंकों को अब 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष से कम अवधि की नई FCNR(B)जमाराशियां Overnight Alternative Reference Rate (ARR) Plus प्लस 400 बेसिस प्वाइंट्स से अधिक नहीं, ब्याज दर पर जुटाने की अनुमति दे दी गई है, पहले यह सीमा केवल 250 बेसिस प्वाइंट्स थी।

इसी तरह, 3 से 5 वर्ष की अवधि की परिपक्वता अवधि वाली जमाराशियों पर (ARR) Plus 500 बेसिस प्वाइंट्स ब्याज दिया जा सकेगा, जिसकी लिमिट पहले केवल 350 बेसिस प्वाइंट्स थी।

आरबीआई गर्वनर ने कहा कि अक्टूबर और नवंबर में अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से बिकवाली के दबाव के कारण रुपये में 1.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। दास ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आरबीआई की विनिमय दर नीति बाजारों को स्तर निर्धारित करने देने के लिए सुसंगत रही है। शक्तिकांत दास ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग अनुचित अस्थिरता को कम करने, बाजार का विश्वास बनाए रखने और समग्र वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए विवेकपूर्ण तरीके से किया जा रहा है।

भारत कनेक्ट (Bharat Connect) से जुड़ेगा forex-Retail Platform

इस बीच, गवर्नर ने शुक्रवार को विदेशी मुद्रा-खुदरा मंच (forex-Retail Platform)की पहुंच में विस्तार की भी घोषणा की। इसे भारत कनेक्ट (Bharat Connect) के साथ जोड़कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी पहुंच को बनाया जाएगा। आरबीआई गर्वनर ने कहा कि इससे विदेशी मुद्रा के उपयोगकर्ताओं, विशेष रूप से व्यक्तियों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए विदेशी मुद्रा के मूल्य निर्धारण में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता लाई जा सकेगी। बता दें कि क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल) ने 2019 में एफएक्स-रिटेल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। वर्तमान में, एफएक्स-रिटेल प्लेटफॉर्म एक इंटरनेट-आधारित एप्लिकेशन के माध्यम से उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि एनपीसीआई भारत कनेक्ट द्वारा संचालित भारत कनेक्ट (पहले भारत बिल भुगतान प्रणाली के रूप में जाना जाता था) के साथ एफएक्स-रिटेल प्लेटफॉर्म को जोड़ने की सुविधा का प्रस्ताव है।

NRIs पर क्यों इतनी मेहरबान हुई RBI?

बता दें कि रिज़र्व बैंक ने यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है, और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करता दिख रहा है। इससे साफ है कि रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को प्रवासी भारतीयों की विदेशी मुद्रा जमा पर जो ब्याज दर की सीमा बढ़ाने की घोषणा की, उसका उद्देश्य रुपये पर दबाव के बीच अधिक पूंजी प्रवाह को आकर्षित करना है।

उल्लेखनीय है कि भारत, दुनिया में remittances (विदेश में बसे भारतीयों द्वारा देश में पैसा भेजना) का सबसे बड़ा लाभार्थी है। ये पहली बार नहीं है कि रिज़र्व बैंक ने विदेश में बसे भारतीयों को लुभाने के लिए इस तरह की योजना पेश की है। पहले भी आरबीआई प्रवासी भारतीयों के लिए इस तरह की फायदेमंद योजनाएं लाता रहा है, जब-जब भारतीय रूपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दबाव में आया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल- सितंबर, 2024 (H1Fy25) के बीच अनिवासी भारतीय (एनआरआई) जमा योजनाओं (NRI Deposits) लगभग दोगुना होकर 10.19 बिलियन डॉलर हो गए है। जबकि 2023 में इसी अवधि के दौरान इन योजनाओं में प्रवासी भारतीयों द्वारा 5.41 बिलियन डॉलर डाले गए थे।

RBI के जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर, 2024 तक कुल बकाया एनआरआई जमा 161.62 बिलियन डॉलर था। एनआरआई जमा योजनाओं में विदेशी मुद्रा अनिवासी (एफसीएनआर) जमा (foreign currency non-resident (FCNR) deposits), अनिवासी बाहरी (एनआरई) जमा (non-resident external (NRE) deposits)और अनिवासी साधारण (एनआरओ) जमा (non-resident ordinary (NRO) deposits)शामिल हैं।

अप्रैल-सितंबर, 2024 की अवधि के दौरान, अधिकतम प्रवाह एफसीएनआर (बी) जमा में आया। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान इन खातों में लगभग 5.34 बिलियन डॉलर का प्रवाह हुआ, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह प्रवाह 1.92 बिलियन डॉलर था।

एफसीएनआर (बी) खातों में जमा राशि 31.08 बिलियन डॉलर थी। एफसीएनआर (बी) खाता ग्राहकों को एक से पांच साल की अवधि के लिए भारत में स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुद्राओं में सावधि जमा रखने की सुविधा देता है। चूंकि खाता विदेशी मुद्रा में रखा जाता है, इसलिए यह जमा की अवधि के दौरान मुद्रा में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपकी जमाराशि के मूल्य को सुरक्षित रखता है।

इस बीच, एनआरई जमाराशियों में H1Fy25 के दौरान 2.65 बिलियन डॉलर आए, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 1.61 बिलियन डॉलर आए थे। सितंबर, 2024 में एनआरई जमाराशियां अब 100.92 बिलियन डॉलर हैं।

एनआरओ जमाराशियों (NRO deposits) में भी अप्रैल-सितंबर 2024 से 2.19 बिलियन डॉलर आए, जबकि एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 1.88 बिलियन डॉलर आए थे। सितंबर, 2024 में एनआरओ जमा में कुल राशि 29.61 बिलियन डॉलर थी। एनआरओ खाता एनआरआई के लिए रुपया-मूल्यवर्गित बैंक खाता (rupee-denominated bank account) होता है।

 

First Published - December 6, 2024 | 1:39 PM IST

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