facebookmetapixel
टैरिफ विरोधियों को Trump ने बताया ‘मूर्ख’, बोले- अमेरिका के हर नागरिक को मिलेगा $2,000 का डिविडेंड₹9,975 तक के टारगेट! नतीजों के बाद Bajaj Auto पर 4 ब्रोकरेज हाउसों की राय सामने आईLenskart Share: ₹390 पर कमजोर लिस्टिंग के बाद 2% उछला शेयर, बेच दें या होल्ड करें शेयर?राशन कार्ड के लिए सरकारी दफ्तर जाने की जरूरत नहीं, बस ये ऐप डाउनलोड करेंQ2 results today: ONGC से लेकर Vodafone Idea और Reliance Power तक, आज इन कंपनियों के आएंगे नतीजेBihar Elections 2025: हर 3 में 1 उम्मीदवार पर है आपराधिक मामला, जानें कितने हैं करोड़पति!₹70 तक का डिविडेंड पाने का आखिरी मौका! 11 नवंबर से 10 कंपनियों के शेयर होंगे एक्स-डिविडेंडGroww IPO Allotment Today: ग्रो आईपीओ अलॉटमेंट आज फाइनल, ऐसे चेक करें ऑनलाइन स्टेटस1 अक्टूबर से लागू Tata Motors डिमर्जर, जानिए कब मिलेंगे नए शेयर और कब शुरू होगी ट्रेडिंगStock Market Update: शेयर बाजार की पॉजिटिव शुरूआत, सेंसेक्स 200 से ज्यादा अंक चढ़ा; निफ्टी 25550 के करीब

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की बैंकों को हिदायत, अति उत्साह से बचें

दास ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए ही आरबीआई ने असुरक्षित ऋणों के बारे में कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं।

Last Updated- November 22, 2023 | 10:54 PM IST

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने उत्साह भरे मौजूदा माहौल में बैंकों और वित्तीय क्षेत्र की अन्य इकाइयों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।

आरबीआई ने कहा है कि इन दिनों बैंकों में ज्यादा ब्याज देकर जमा रकम हासिल करने की होड़ मची है और सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) ग्राहकों से ऊंचा ब्याज वसूल रहे हैं। बैंकिंग नियामक ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र की इकाइयों को इससे बचना चाहिए।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फिक्की-आईबीए बैंकिंग सम्मेलन में कहा, ‘फिलहाल तो चिंता की कोई वजह नहीं दिख रही है मगर इससे अति उत्साहित होने की भी जरूरत नहीं है। बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) को सतर्कता बरतने में कोई कोताही नहीं करनी चाहिए।’

दास ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए ही आरबीआई ने असुरक्षित ऋणों के बारे में कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि आवास, वाहन ऋण और छोटे कारोबारियों को दिए जाने वाले कर्ज को सख्ती से इसलिए बरी रखा गया है क्योंकि वे देश की आर्थिक तरक्की में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं।

असुरक्षित ऋणों जैसे व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड पर बकाया रकम का बढ़ता अंबार देखते हुए आरबीआई ने ऐसे ऋणों के लिए जोखिम भार 100 प्रतिशत से बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है। दास ने उन चार क्षेत्रों का जिक्र किया, जिनमें वित्तीय इकाइयों को सावधान रहने की जरूरत है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘इसमें दो राय नहीं कि अभी ऋण आवंटन में इजाफा हो रहा है मगर बैंकों एवं एनबीएफसी को क्षेत्रवार एवं इससे ठीक निचले स्तरों पर ऋण आवंटन की रफ्तार नियंत्रण में रखनी होगी और अति उत्साह से बचना होगा।’

इस संदर्भ में दास ने बैंकों को उनके देनदारी पक्ष पर अधिक ध्यान देने और परिसंपत्ति- देनदारी प्रबंधन पर विशेष नजर रखने की हिदायत दी।

उन्होंने कहा, ‘कुछ मामलों में बैंक ऊंचा ब्याज देकर जमा रकम जुटाने पर जोर दे रहे हैं। साथ ही खुदरा एवं निगमित दोनों ही ऋणों के मामले में इनकी अवधि बढ़ाई जा रही है।’

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि एनबीएफसी को दिए जा रहे ऋणों पर बैंकों को नजर रखनी होगी और किसी एक एनबीएफसी के विभिन्न बैंकों के साथ लेन-देन पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा, ‘एनबीएफसी को भी रकम जुटाने के स्रोतों के बारे में सचेत रहना होगा और पूंजी जुटाने के लिए बैंकों पर निर्भरता कम करनी होगी।’

उन्होंने कहा, ‘वित्तीय संस्थानों को ब्याज दरें तय करने की छूट दी गई है मगर कुछ एनबीएफसी-एमएफआई अधिक ब्याज मार्जिन कमा रहे हैं। उन्हें ब्याज दरें मनमाने ढंग से नहीं बल्कि उचित एवं पारदर्शी तरीके से तय करनी चाहिए।’

First Published - November 22, 2023 | 10:45 PM IST

संबंधित पोस्ट