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RBI का केंद्र सरकार को बड़ा तोहफा: ₹2.69 लाख करोड़ रिकॉर्ड डिविडेंड देने का ऐलान, घाटे से मिलेगी बड़ी राहत

यह राशि पिछले साल यानी वित्तीय वर्ष 2024 में दी गई 2.1 लाख करोड़ रुपये की डिविडेंड से बहुत अधिक है।

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ऋषभ राज   
Last Updated- May 23, 2025 | 6:32 PM IST

RBI Dividend 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025 के लिए केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड देने का फैसला किया है। यह राशि पिछले साल यानी वित्तीय वर्ष 2024 में दी गई 2.1 लाख करोड़ रुपये की डिविडेंड से बहुत अधिक है। इस बड़े ट्रांसफर से केंद्र सरकार को अपने वित्तीय घाटे को 4.4 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, RBI ने अपने आकस्मिक जोखिम बफर (CRB) को भी 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। 

इस विशाल डिविडेंड का मुख्य कारण RBI की मजबूत वित्तीय स्थिति है, जो विदेशी मुद्रा भंडार की बिक्री, विदेशी मुद्रा में हुए लाभ और सरकारी प्रतिभूतियों से मिलने वाली ब्याज आय से संभव हुआ है। सितंबर 2024 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 704 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। नोमुरा और DBS बैंक के अनुमानों के अनुसार, इसके बाद से RBI ने 125 अरब डॉलर से अधिक की विदेशी मुद्रा की बिक्री की है। जनवरी 2025 में RBI एशियाई केंद्रीय बैंकों में सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बिक्रेता रहा। वित्तीय वर्ष 2025 में फरवरी तक सकल डॉलर बिक्री 371.6 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो पिछले साल के 153 अरब डॉलर से कहीं अधिक है। 

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G-Sec की कमी से RBI को फायदा!

इसके अलावा, सरकारी प्रतिभूतियों (G-Sec) की पैदावार में कमी के कारण RBI को मार्क-टू-मार्केट (MTM) लाभ हुआ। मार्च 2025 तक RBI के पास रुपये की प्रतिभूतियों का मूल्य 15.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 1.95 लाख करोड़ रुपये अधिक है। इसके साथ ही, अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड की ऊंची पैदावार और विदेशी मुद्रा लेनदेन से मिलने वाली कमीशन ने भी RBI की आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

यह डिविडेंड केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 11.21 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है। इसके साथ ही, वित्तीय वर्ष 2026 के लिए बजट में टैक्स राहत के उपाय भी शामिल किए गए हैं। इस डिविडेंड से सरकार को अपनी योजनाओं को लागू करने और वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने में आसानी होगी। पिछले साल यानी वित्तीय वर्ष 2024 में भारत का वित्तीय घाटा 5.8 प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले 5.6 प्रतिशत रहा, जिसका श्रेय RBI की डिविडेंड और बेहतर राजस्व संग्रह को जाता है।

First Published : May 23, 2025 | 6:02 PM IST