वित्त-बीमा

पेमेंट सिस्टम में बड़ा बदलाव, RBI के BPSS की जगह लेगा नया Payment Regulatory Board

पीआरबी में सरकार का ज्यादा प्रतिनि​धित्व होगा, आरबीआई गवर्नर इसके चेयरमैन होंगे

Published by
अजिंक्या कवाले   
सुब्रत पांडा   
Last Updated- May 22, 2025 | 11:21 PM IST

भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में बड़े बदलाव के तहत सरकार ने भुगतान नियामक बोर्ड (पीआरबी) का गठन करने के लिए ‘भुगतान नियामक बोर्ड विनियमन, 2025’ पेश किया है। इसमें सरकार का महत्त्वपूर्ण प्रतिनिधित्व होगा और यह भुगतान एवं निपटान प्रणाली विनियमन एवं पर्यवेक्षण बोर्ड (बीपीएसएस) का स्थान लेगा। देश में भुगतान और निपटान प्रणालियों को विनियमित करने और उनकी निगरानी के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बीपीएसएस को अब भुगतान नियामक बोर्ड से बदला जाएगा। बीपीएसएस आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की एक समिति थी।

आरबीआई का भुगतान एवं निपटान प्रणाली का विभाग (डीपीएसएस) पीआरबी की सहायता करेगा। 21 मई को प्रकाशित राजपत्र अधिसूचना के अनुसार बोर्ड की संरचना भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम (पीएसएस), 2007 की धारा 3 के अनुसार होगी। अधिनियम में कहा गया है कि आरबीआई के गवर्नर इसके चेयरमैन होंगे जबकि भुगतान एवं निपटान प्रणालियों के प्रभारी आरबीआई के डिप्टी गवर्नर, केंद्रीय बोर्ड द्वारा नामित आरबीआई का एक अधिकारी और केंद्र सरकार द्वारा नामित तीन सदस्यों को इसमें शामिल करने का प्रावधान है।

इसके अलावा पीआरबी भुगतान एवं निपटान, सूचना प्रौद्योगिकी, कानून आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञों को बोर्ड की बैठक में आमंत्रित कर सकता है। आरबीआई के प्रधान कानूनी सलाहकार पीआरबी की बैठक के स्थायी आमंत्रित विशेषज्ञ होंगे।

उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, ‘बीपीएसएस की जगह पीआरबी को लाया जा रहा है। मेरे हिसाब से इसमें सरकार की ओर से तीन, आरबीआई की तरफ से तीन और गवर्नर के पास निर्णायक वोट होगा। गवर्नर बीपीएसएस के अध्यक्ष भी हैं। इससे भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में स्पष्ट रूप से सरकारी हस्तक्षेप बढ़ सकता है। उद्योग को यह देखना होगा कि सरकार सचिवों की नियुक्ति करती है या बाहर से स्वतंत्र विशेषज्ञ नियुक्त करती है।’ अधिसूचना के अनुसार मनोनीत सदस्य की आयु 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए और वह संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए।

First Published : May 22, 2025 | 10:49 PM IST