क्रेडिट रेटिंग तय करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) के डायरेक्टर यीफार्न फुआ (YeeFarn Phua) ने कहा कि प्रस्तावित दो ‘स्लैब’ वाली जीएसटी सिस्टम से प्रभावी टैक्स दरो में कमी आ सकती है और लॉन्ग टर्म में यह सरकार के रेवेन्यू को बढ़ा सकती है। फुआ की यह टिप्पणी केंद्र और राज्यों की बुधवार व गुरुवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले आई है। इसमें केंद्र द्वारा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी।
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केंद्र सरकार ने जीएसटी व्यवस्था में सुधारों का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत टैक्स ‘स्लैब’ को घटाकर केवल दो टैक्स ‘स्लैब’ 5% और 18% कर दिया जाएगा। कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40% की स्पेशल टैक्स रेट लागू की जाएगी। जीएसटी के तहत फिलहाल चार स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% हैं।
जीएसटी दरों में बदलाव से रेवेन्यू पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर फुआ ने कहा कि मौजूदा जीएसटी व्यवस्था जटिल है। इसमें चार अलग-अलग टैक्स स्लैब हैं, जिससे लेखा-जोखा एवं क्रियान्वयन कभी-कभी काफी कठिन हो जाता है।
रेटिंग एजेंसी के निदेशक फुआ ने कहा कि इस प्रस्ताव पर केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सिस्टम में सुधारों से रेवेन्यू पर प्रभाव पड़ने के आसार नहीं है। केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार, वर्तमान 12% ‘स्लैब’ में शामिल 99% वस्तुओं को अब 5% के स्लैब में लाया जाएगा, जबकि 28% ‘स्लैब’ में शामिल 90% वस्तुओं को 18% कर के दायरे में रखा जाएगा। इन बदलावों से वर्गीकरण संबंधी विवाद, मुकदमेबाजी तथा कर चोरी की गुंजाइश कम होगी।