facebookmetapixel
डिफेंस पेंशनर्स के लिए SPARSH पोर्टल: अब घर बैठे देखें अपना PPO और पेंशन डिटेल्स सिर्फ एक क्लिक मेंFlexi Cap Funds फिर बना इक्विटी का किंग, अक्टूबर में निवेश बढ़कर ₹8,929 करोड़, AUM रिकॉर्ड ₹5.34 लाख करोड़Tata Motors Q2 Results: Q2 में ₹867 करोड़ का नुकसान, पर आय बढ़कर ₹18,491 करोड़ पर पहुंचाफैमिली पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव: कर्मचारियों के माता-पिता को 75% पेंशन लेने के लिए अब यह करना जरूरीछोटे लोन पर ‘उचित ब्याज दर’ रखें MFIs, 30-35 करोड़ युवा अब भी बैंकिंग सिस्टम से बाहर: सचिव नागराजूQ3 में तेजी से सुधरा वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर, मांग 64% बढ़ी; मुंबई और कोलकाता का प्रदर्शन शानदारIncome Tax: रिवाइज्ड IT रिटर्न क्या है, जिसे आप कैलेंडर ईयर के अंत तक फाइल कर सकते हैंIndia International Trade Fair 2025: साझीदार राज्य बना यूपी, 343 ओडीओपी स्टॉल्स और 2750 प्रदर्शकों के साथ बड़ा प्रदर्शनबुलेट बनाने वाली कंपनी का मुनाफा 25% बढ़कर ₹1,369 करोड़, रेवेन्यू में 45% की उछालPhonePe ने OpenAI के साथ मिलाया हाथ, अब ऐप में मिलेगी ChatGPT जैसी खास सुविधाएं

लगातार 5वें माह गिरा प्रमुख क्षेत्रों का उत्पादन

Last Updated- December 15, 2022 | 2:46 AM IST

अर्थव्यवस्था खुलने के साथ जुलाई महीने में 8 प्रमुख क्षेत्रों के उत्पादन में गिरावट कम हुई है, लेकिन पिछले साल की तुलना में अभी भी 9.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। उद्योगों को मांग में कमी, नकदी के संकट और श्रमिकों की कमी के संकट से जूझना पड़ रहा है, जिसकी वजह से सुस्ती आई है। जून महीने में प्रमुख क्षेत्रों में गिरावट 12.9 प्रतिशत थी।
अप्रैल में 36 प्रतिशत की भारी गिरावट के बाद पिछले 3 महीनों में संकुचन लगातार कम हुआ है। बहरहाल सोमवार को उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में अर्थव्यवस्था के 8 प्रमुख क्षेत्रों में से 7 में संकुचन आया है।
सबसे बुरा हाल बुनियादी ढांचा क्षेत्र का है। कोविड-19 के कारण उतार चढ़ाव वाले स्टील और सीमेंट क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। स्टील क्षेत्र में 16.4 प्रतिशत संकुचन आया है, हालांकि इस क्षेत्र में जून में 25.4 प्रतिशत संकुचन आया था।
सीमेंट क्षेत्र में 13.5 प्रतिशत, रिफाइनरी में 13.9 प्रतिशत, कच्चे तेल में 4.9 प्रतिशत, बिजली उत्पादन में 2.3 प्रतिशत की गिरावट आई है।
उर्वरक एकमात्र क्षेत्र है, जहां लगातार बढ़ोतरी जारी है। जुलाई में इसका उत्पादन 6.9 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि जून में 4.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
केयर रेटिंग के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘साफ है कि कृषि क्षेत्र से मांग ज्यादा थी और बंदी में भी काम जारी रहा।’

राजकोषीय घाटा जुलाई में ही वार्षिक बजट अनुमान से ऊपर
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा लॉकडाउन के कारण कमजोर राजस्व संग्रह के चलते वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल- जुलाई) में ही पूरे साल के बजट अनुमान को पार कर गया है।
महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटा इसके वार्षिक अनुमान की तुलना में 103.1 प्रतिशत यानी 8,21,349 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। एक साल पहले इन्हीं चार माह की अवधि में यह वार्षिक बजट अनुमान का 77.8 प्रतिशत रहा था।
सरकार का राजकोषीय घाटा उसके कुल खर्च और राजस्व के बीच का अंतर होता है। पिछले साल अक्ट्रबर में यह वार्षिक लक्ष्य से ऊपर निकल गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। कोरोना वायरस महामारी के फैलने से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए इन आंकड़ों को संशोधित करना पड़ा। लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों में व्यवधान हुआ। भाषा

First Published - August 31, 2020 | 11:26 PM IST

संबंधित पोस्ट