facebookmetapixel
Delhi Weather Update: सावधान! दिल्ली-NCR में जहरीली हवा का कहर, IMD ने कोल्ड-वेव अलर्ट जारी कियाNowgam Blast: फरीदाबाद में जब्त विस्फोटकों के कारण श्रीनगर में पुलिस थाने में धमाका; 8 की मौत, 27 घायलDecoded: 8वें वेतन आयोग से कर्मचारी और पेंशनरों की जेब पर क्या असर?DPDP के नए नियमों से बढ़ी ‘कंसेंट मैनेजर्स’ की मांगसरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगे

चीन के सकारात्मक संकेत से इस्पात में होगा सुधार

Last Updated- December 12, 2022 | 7:52 AM IST

चीन से मिले सकारात्मक संकेतों से मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बने रहने की उम्मीद है और इससे कीमतों को भी समर्थन मिलेगा। वैश्विक स्तर पर कच्चे इस्पात के उत्पादन में चीन की हिस्सेदारी 56.5 फीसदी है।
सभी की नजरें चीन के बाजार पर है जो नए वर्ष की छुट्िटयों के बाद पिछले हफ्ते खुला है। व्यापक स्तर पर उम्मीद की जा रही थी कि जनवरी में दिखी कमजोरी के बाद कीमतों में सुधार आएगा।      
इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयंत रॉय ने कहा कि पिछले साल को छोड़कर जब कोविड संबंधी प्रतिबंधों ने फरवरी में चीन के इस्पात मांग को प्रभावित किया था, नए वर्ष के उत्सवों के बाद ऐतिहासिक रुझानों में इस्पात कीमतों में तेजी का रुख नजर आ रहा है।
दिसंबर में एचआरसी (हॉट रोल्ड कोइल) की कीमत 770 डॉलर प्रति टन तक पहुंचने के बाद जनवरी में गिरकर 625 डॉलर प्रति टन रह गई। हालांकि, फरवरी में कीमत सुधर कर 645 डॉलर प्रति टन हो गई।
भारत में भी जनवरी के बाद वृद्घि पर विराम लग गया था। लंबे उत्पादों में उत्पादन की दो तिहाई हिस्सेदारी रखने वाले द्वितीयक उत्पादकों ने मध्य जनवरी से कीमतें घटा दी। जबकि फरवरी में प्राथमिक उत्पादकों ने कीमतें घटाई। सपाट उत्पादों में कारोबार खंड में नरमी रही थी। 18 फरवरी को चीन का बाजार मजबूती पर खुला। स्टीलमिन्ट से मिले आंकड़े दिखाते हैं कि डेलिन का सर्वाधिक कारोबार करने वाला मई 2021 लौह अयस्क वायदा समझौता 60 रॅन्मिन्बी चढ़कर 1,131 रॅन्मिन्बी (174.35 डॉलर) प्रति टन पर बंद हुआ। शंघाई फ्यूचर एक्सचेंज पर रिबर वायदा में 125 रॅन्मिन्बी की बढ़त हुई और हॉट रोल्ड कोईल में 100 रॅन्मिन्बी का इजाफा हुआ।   
एएम/एनएस इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी रंजन धर ने कहा, ‘एचआरसी और लौह अयस्क के लिए वायदा के मोर्चे पर चीन से मिले संकेत अब तक सकारात्मक नजर आते हैं।’
जेएसडब्ल्यू स्टील के (वाणिज्यिक और विपणन) निदेशक जयंत आचार्य ने स्पष्ट किया कि यदि समग्र कच्चे माल की कीमतें बढ़ी रहती हैं तो इससे चीन में मार्जिन घटेगा और इस्पात कीमतों के लिए एक आधार मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘अत: कीमतों में स्थिरता होनी चाहिए।’ लंबे उत्पाद खंड में एक द्वितीयक उत्पादक ने भी कहा कि विगत 10 दिनों में धारणा में सुधार हुआ है और चीन में मजबूती के साथ खुलना सकारात्मक पहलू है।   
चीन से और भी कई सकारात्मक संकेतक है जो भारत के लिए शुभ साबित हो सकता है।
आचार्य ने कहा, ‘चीन से तीन संदेश मिल रहे हैं। स्वच्छ इस्पात की ओर बढऩे और प्रदूषण घटाने पर अधिक जोर है जिससे अप्रभावी उत्पादन में कमी आएगी। निर्यातों में कमी लाई जा रही है (ऐसी संभावना है कि निर्याता छूटों को 13 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी किया जा सकता है) और 2021 में चीन में मांग में हल्की वृद्घि होने का अनुमान है।’ उन्होंने कहा, ‘रियायत में कटौती की सीमा तक निर्यात कीमतों में इजाफा होगा जिससे चीनी इस्पात कीमतों और दुनिया भर के इस्पात कीमतों के बीच का अंतर पाटने में मदद मिलेगी। साथ ही कम/संतुलित निर्यात इस्पात उद्योग के लिए वैश्विक स्तर पर अच्छा होगा।’ धर ने कहा कि सकारात्मक धारणा पर और अधिक जोर देना बुनियादी ढांचे के लिए चीन की ओर से एक और संभावित जोर था जो वहां निर्माण सामग्री की मांग को बहाल करेगा। इसके अलावा, प्रदूषण को नियंत्रित करने की पहल के साथ चीन भारत जैसे देशों से बिलेट का आयात करने का मन बना सकता है। भारत में लॉकडाउन के आरंभिक महीनों में सभी बड़े इस्पात उत्पादकों ने बिलेट निर्यात किए थे और चीन की इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी।
पहली तिमाही में भारत से 23 लाख टन बिलेट का निर्यात किया गया था जो घरेलू मांग चढऩे के कारण पहली तिमाही में घटकर 11 लाख टन रह गई। इस्पात निर्माताओं को घरेलू बाजार में मांग मजबूत बने रहने की उम्मीद है जबकि कीमत पर थोड़ा दबाव देखा गया था।

First Published - February 23, 2021 | 11:41 PM IST

संबंधित पोस्ट