अर्थव्यवस्था

निवेश में मदद के लिए अनुपालन का बोझ घटाएं, नीति निर्माता हों एजेंडे से ऊपर: केवी कामत

Published by
अभिजित लेले   
Last Updated- May 26, 2023 | 9:53 PM IST

निवेश को गति देने के लिए याचिका के मसले का समाधान करने की जरूरत है। नैशनल बैंक फॉर फाइनैंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड डेवलपमेंट (NABFID) के चेयरमैन केवी कामत ने शुक्रवार को कहा कि यह नीति निर्माताओं को एजेंडे में ऊपर होना चाहिए।

नियामको को भी यह संज्ञान में लेना होगा। नियमन सख्त है, लेकिन क्या इससे याचिकाएं बढ़ेंगी? याचिका और उलझे कर कानूनों के सवाल पर फिक्की (FICCI) के CFO सम्मेलन में कामथ ने कहा कि मैं इसके बारे में कुछ नहीं कह सकता। अनुपालन बोझ बहुत ज्यादा है। संभवतः अनुपालन बोझ कम किए जाने की जरूरत है। कामत ने कहा कि यह मसला सरकार के संज्ञान में है। अनुपालन बोझ सरल करने से भारत विदेशी पूंजी के लिए तरजीही देश बनेगा और इससे न्यायापालिका का भी बोझ कम होगा।

Also read: Recession in 2023: दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी पर मंडरा रहा है मंदी का खतरा

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में सुस्ती का हवाला देते हुए कामत ने कहा कि इसकी वजह पूरे विश्व में घट रही घटनाएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि लोग निवेश करने की स्थिति में नहीं हैं और वे अपने खुद के भविष्य का आकलन करने में लगे हैं।

First Published : May 26, 2023 | 9:53 PM IST