वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स (एसऐंडपी) ने सोमवार को कहा कि भारत में नीतिगत दर में कटौती 2024 की शुरुआत से ही होने की संभावना है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर 4 प्रतिशत पर लाना चाहता है।
इसने कहा है, ‘कच्चे तेल की कीमत कम होने और मांग कमजोर होने से क्रमशः ईंधन की कीमत और प्रमुख महंगाई कम होगी। महंगाई दर और दर में बढ़ोतरी का चक्र शीर्ष पर है। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि रिजर्व बैंक 2024 की शुरुआत में ही दर में कटौती शुरू करेगा क्योंकि वह चाहता है कि उपभोक्ता महंगाई दर घटकर 4 प्रतिशत पर आ जाए, जो केंद्र की लक्ष्यित सीमा है।’ एसऐंडपी की इकोनॉमिक रिसर्चः इकोनॉमिक आउटलुक एशिया पैसिफिक क्यू3 2023 रिपोर्ट सोमवार सुबह जारी हुई।
भारत में मॉनसून सामान्य रहने पर रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 24 में प्रमुख महंगाई दर घटकर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो वित्त वर्ष 23 में 6.7 प्रतिशत थी। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है। रेटिंग एजेंसी ने साथ ही कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की वृद्धि दर सबसे अधिक होगी। घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती के कारण चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के वृद्धि अनुमानों को अपरिवर्तित रखा गया है।
पिछले वृद्धि अनुमान मार्च में घोषित किए गए थे। एजेंसी ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि भारत, वियतनाम और फिलीपींस की वृद्धि दर लगभग 6 प्रतिशत रहेगी।’ एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया-प्रशांत) लुइस कुइज ने कहा, ‘मध्यम अवधि के लिए वृद्धि अनुमान अपेक्षाकृत ठोस बना हुआ है।
एशिया की उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं 2026 तक हमारे वैश्विक वृद्धि परिदृश्य में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बनी हुई हैं। एसऐंडपी ने 2023 के लिए चीन की वृद्धि दर का अनुमान 5.5 प्रतिशत से घटाकर 5.2 प्रतिशत कर दिया है।