PM Kusum Scheme: नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) बढ़ती मांग को देखते हुए पीएम-कुसुम (प्रधानमंत्री किसान उर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना के दूसरे चरण की शुरुआत करने पर विचार कर रहा है, जिसे पिछले अगस्त में कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) के तहत लाया गया था। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इसे अगले वित्त वर्ष में लागू किया जाएगा। मौजूदा चरण, वित्त वर्ष 2026 तक 34.8 गीगावॉट सौर क्षमता जोड़ने के लिए जारी रहेगा वहीं दूसरे चरण में, पहले चरण के पैमाने (34,000–35,000 करोड़ रुपये का परिव्यय और 49 लाख पंपों की स्थापना) के बराबर या उससे अधिक होने की संभावना है, जिसमें एग्रोवोल्टिक्स और मामूली दिशानिर्देश संशोधन जैसी अतिरिक्त संभावित चीजें होंगी।
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उस सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘पीएम कुसुम की मांग के लिए आवंटन किया गया है, जिसमें हमने पिछले एक साल में तेजी देखी है। हमारे पास ऐसी मांगें हैं जो अब आवंटन की तुलना में दो-तीन गुना अधिक हैं, जिसे हम अगले वित्तीय चक्र के कार्यक्रम के केवल दूसरे चरण में देख रहे हैं।’
कुल मांग 20 लाख स्टैंडअलोन सौर ऊर्जा चालित कृषि पंपों को लगाने और 15 लाख मौजूदा ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों के सौर ऊर्जा से जोड़ने के प्रारंभिक लक्ष्य से बढ़कर 49 लाख पंप हो गई। अधिकारी ने कहा कि यह पूरी तरह से आवंटित कर दिया गया है और अगले चरण के लिए मांग का जायजा लिया जा रहा है। खबर लिखे जाने तक नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव और प्रवक्ता को भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिला था।