सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 700 किलोमीटर हाई स्पीड गलियारों के परिचालन, 3,000 किलोमीटर की राजमार्ग परियोजनाओं के आवंटन और दुर्घटना के शिकार लोगों के कैशलेस इलाज की योजना बनाई है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने अगली सरकार की 100 दिन की कार्ययोजना में इसे शामिल किया है। सोमवार को मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्रिमंडल को सूचित किया था कि इन योजनाओं पर चर्चा की गई है।
कैबिनेट को भेजी गई मासिक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मंत्रालय ने सभी एजेंसियों और हितधारकों के परामर्श से आने वाली नई सरकार के पहले 100 दिन के कार्यक्रम के साथ विकसित भारत के कार्यक्रमों पर विचार विमर्श किया है।’
केंद्र सरकार विजन 2047 के अनुरूप एक व्यापक कैबिनेट प्रस्ताव पर काम कर रही है, जिसमें 20 लाख करोड़ रुपये के राजमार्ग निर्माण का कार्य होना है। कैबिनेट ने इसे अभी मंजूरी नहीं दी है।
अधिकारी ने कहा, ‘कैबिनेट नोट पर मंजूरी हासिल करना पहला काम है जिससे मंत्रालय को संबंधित परियोजना के लिए पूंजीगत व्यय कर सके। साथ ही मंत्रालय को यह सुनिश्चित करना है कि राजमार्ग निर्माण का काम सुस्त न होने पाए।’
चुनाव के बाद सड़क मंत्रालय ने पहले 3 महीने में 1,700 किलोमीटर से अधिक सड़क बनाने और 3,000 किलोमीटर के आवंटन की योजना बनाई है।
मंत्रालय पिछले साल 13,000 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण के आवंटन का लक्ष्य बड़े अंतर से चूक गया है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि भारतमाला परियोजना के तहत योजनाओं के संशोधित अनुमान को मंजूरी मिलने में देरी हुई। इन परियोजनाओं की लागत इन्हें लागू करने के वक्त की तुलना में दोगुनी हो गई है।
वित्त वर्ष 2024 के अंत में अपनी रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा है, ‘13,290 किलोमीटर सड़क के ठेके लक्ष्य था, जबकि 8,581 किलोमीटर का ही ठेका दिया गया है। इसकी बड़ी वजह भारतमाला है, जिसके लिए कैबिनेट से संशोधित योजना को मंजूरी नहीं मिल सकी।’
मंत्रालय हाइड्रोजन ईंधन से वाहन शुरू करने की योजना पर भी विचार करेगा। 2022 में राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाइड्रोजन पावर्ड कार की शुरुआत की थी और हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के कई कदम उठाए गए थे।