देश के उत्तरी क्षेत्र ने जुलाई से सितंबर की अवधि (तीसरी तिमाही) में दमदार प्रदर्शन करते हुए कुल एफएमसीजी बाजार के मुकाबले बेहतर वृद्धि दर्ज की है। तिमाही वृद्धि के आंकड़े कैलेंडर वर्ष के आधार पर हैं।
नीलसन ने पिछले सप्ताह जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि तीसरी तिमाही के दौरान उत्तरी क्षेत्र ने 4.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जबकि इस दौरान कुल एफएमसीजी बाजार की वृद्धि 0.9 फीसदी रही। पूर्व और दक्षिण जैसे क्षेत्रों में क्रमश: 1.3 फीसदी और 1.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। जबकि पश्चिमी क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा और उसने तीसरी तिमाही के दौरान 4.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की।
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तरी क्षेत्र में ग्रामीण बाजारों के बेहतर योगदान के कारण अच्छी वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि कंपनियां ग्रामीण बाजारों में अपनी पहुंच आक्रामक तरीके से बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं जिससे बिक्री में तेजी दिख रही है। नीलसन का कहना है कि उत्तरी क्षेत्र की कुल बिक्री में ग्रामीण बाजारों का योगदान 38 फीसदी है जो पूर्वी क्षेत्र के 48 फीसदी योगदान से पीछे है। जहां तक बिक्री में ग्रामीण बाजारों के योगदान का सवाल है तो दक्षिणी क्षेत्र में यह 33 फीसदी और पश्चिमी क्षेत्र में 34 फीसदी है।
कंपनियों ने पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान खपत में बदलाव के आधार पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
प्रमुख एफएमसीजी कंपनी ब्रिटानिया के लिए तमिलनाडु के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार उत्तर प्रदेश है। उत्तर प्रदेश में कंपनी ने पिछली दो तिमाहियों के दौरान दो अंकों में वृद्धि दर्ज की है जिसे मुख्य तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों से बल मिला। प्रबंध निदेशक वरुण बेरी के अनुसार, कंपनी ने वृद्धि को रफ्तार देने संबंधी अपनी पहल के तहत उत्तरी बाजारों के लिए नए निवेश की योजना बनाई है। इसमें अगले दो से तीन वर्षों के दौरान 700 करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश से उत्तर प्रदेश और बिहार में नई परियोजनाएं स्थापित करना शामिल है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर अपनी ‘विनिंग इन मैनी इंडियाज’ रणनीति के तहत हिंदीभाषी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रही है। कंपनी के चेयरमैन संजीव मेहता ने समय-समय पर संकेत दिया है कि इसी नजरिये से कंपनी उत्तर जैसे खास क्षेत्रों के लिए विशेष उत्पाद तैयार कर रही है ताकि उसे आक्रामक तरीके से
अपनी मौजूदगी बढ़ाने में मदद मिल सके।
नीलसन का कहना है कि उत्तरी क्षेत्र खपत के लिहाज से शहरी एवं ग्रामीण विभाजन को तेजी से पाटने की कोशिश कर रहा है। सरकार का ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान देने और प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने के अलावा मनरेगा मद में खर्च बढ़ाने से भी एफएमसीजी की बिक्री को मदद मिली है। नीलसन ने कहा कि उत्तरी क्षेत्र में कोविड के मामले भी कम हैं और इसलिए अन्य क्षेत्रों की तुलना में वहां अधिक खपत दिख रही है।
नीलसन ग्लोबल कनेक्ट के कार्यकारी निदेशक (दक्षिण एशिया) समीर शुक्ला ने कहा, ‘तीसरी तिमाही के दौरान उत्तरी क्षेत्र में वृद्धि मुख्य तौर पर ग्रामीण मांग से संचालित थी जबकि पहले उत्तरी क्षेत्र में वृद्धि शहरी बाजार से संचालित होती थी।’
उत्तरी क्षेत्र में दिल्ली एक प्रमुख बाजार बनी हुई है। जबकि गुडग़ांव, गाजियाबाद, लखनऊ, पटना और चंडीगढ़ जैसे शहर पिछले कुछ वर्षों के दौरान खपत के प्रमुख केंद्र के तौर पर उभरे हैं। हालांकि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण दिल्ली फिलहाल चुनौतियों से गुजर रही है।
