यूक्रेन संकट के बीच भारत रूस के साथ भुगतान प्रणाली पर किसी तरह का समझौता करने में संभवत: जल्दबाजी नहीं दिखाएगा। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम होने तक भारत रूस के साथ भुगतान प्रणाली पर समझौते की घोषणा से परहेज करेगा।
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद अमेरिका ने राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और उनके देश पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने भारत को भी इन प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करने के लिए आगाह किया है। अमेरिका ने कहा कि भारत अगर ऐसा करता है तो इसके परिणाम दोनों देशों के संबंधों पर असर डाल सकते हैं। वर्तमान परिस्थितियों में रूस के साथ उपयुक्त भुगतान प्रणाली पर चर्चा के लिए वित्त मंत्रालय की अगुआई में एक अंतर-मंत्रालय समूह पिछले एक महीने से लगातार बैठक कर रहा है। समूह यह भी कोशिश कर रहा है कि भारत और रूस के साथ व्यापार में किसी तरह की बाधा नहीं आए।
यूक्रेन संकट की शुरुआत के बाद से ही रूस और भारत के बीच उनकी स्थानीय मुद्राओं रुपया-रूबल में लेनदेन की बात चल रही थी। मगर सूत्रों ने कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस को बैंक ऑफ रशिया के फास्टर पेमेंट्स सिस्टम से जोडऩे के विकल्प भी विचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा लिया जाएगा। एक सूत्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘भुगतान प्रणाली पर चर्चा चल रही है मगर रूस और यूक्रेन में संघर्ष विराम होने तक सार्वजनिक तौर पर कोई घोषणा नहीं की जाएगी। अभी यह स्पष्ट नहीं कि युद्ध थम जाएगा या और विकराल रूप ले लेगा। वैकल्पिक भुगतान प्रणाली के बारे में आंतरिक स्तर पर वार्ता चल रही है।’