वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि भारत अपने प्राचीन सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करने के साथ कनेक्टिविटी को ध्यान का मुख्य क्षेत्र बनाकर श्रीलंका के साथ मिलकर काम करेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि श्रीलंका के आर्थिक रिकवरी के साथ कर्ज के पुनर्गठन के मसले पर भारत मिलकर काम करना जारी रखेगा।
श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिलों के आने के 200 साल पूरे होने पर आयोजित एनएएएम 200 (NAAM 200) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर पहले से ही काम प्रगति पर है, जिसमें यात्री फेरी सेवाओं पर काम, आर्थिक व तकनीकी सहयोग समझौते पर बातचीत और यूपीआई परआधारित डिजिटल भुगतान जैसे मसले शामिल हैं।
सीतारमण ने कहा, ‘हम अन्य चिह्नित क्षेत्रों पर भी मिलकर नजदीकी से काम कर रहे हैं। हमे दो देशों के बीच संपर्क बढ़ाया है और अपने लोगों के लिए अनुभव व अवसरों की संभावनाएं बढ़ा रहे हैं। भारतीय मूल के तमिल दोनों देशों के भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभाते रहेंगे।’
सीतारमण ने श्रीलंका के पूर्वी बंदरगाह शहर त्रिंकोमाली का दौरा किया और वहां उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शाखा का उद्घाटन किया। सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कॉरपोरेट जगत को समर्थन देने में एसबीआई की भूमिका की सराहना भी की। सीतारमण श्रीलंका की तीन दिन की यात्रा पर हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका के आर्थिक संकट के दौरान यहां एसबीआई की उपस्थिति ने भारत द्वारा श्रीलंका को एक अरब डॉलर की ऋण सुविधा के सुचारु विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया।
इसके अलावा एसबीआई श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कॉरपोरेट जगत का समर्थन करके महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सीतारमण ने बाद में बंदरगाह शहर में लंका इंडियन ऑयल कंपनी परिसर का दौरा भी किया।
सीतारमण की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही जब दोनों देशों के बीच आर्थिक तथा प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते (ईटीसीए) पर 12वें दौर की बैठक लंबे अंतराल के बाद आयोजित की गईं।