अर्थव्यवस्था

MoSPI ने शुरू की 2025 में 8वीं आर्थिक जनगणना कराने की तैयारी; सातवीं का परिणाम अभी सार्वजनिक होना बाकी

8th Economic Census likely in 2025: इसके पहले सातवीं आर्थिक जनगणना के आंकड़ों के संग्रह की प्रक्रिया 2019 में शुरू की गई थी।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- August 14, 2024 | 12:47 AM IST

8th Economic Census in India, 2025: सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (मोस्पी/MoSPI) ने 8वीं आर्थिक जनगणना (इकोनॉमिक सेंसस इन इंडिया/EC) की तैयारियां शुरू कर दी हैं। अगले साल औपचारिक रूप से इसकी शुरुआत होगी। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि हालांकि आर्थिक जनगणना के सातवें संस्करण का परिणाम अभी सार्वजनिक किया जाना बाकी है।

एक सूत्र ने कहा, ‘केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आठवीं आर्थिक जनगणना के लिए धन की जरूरतों और इस काम में लगने मानव संसाधन का ब्योरा दाखिल करने को कहा है। इस कवायद के लिए राज्यों को एक समर्पित इकाई बनानी होगी। इस बार मंत्रालय राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बेहतर तालमेल चाहता है, जिससे समय से परिणाम मिल सकें।’

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने संसद को सूचित किया कि गुणवत्ता को लेकर चिंता के कारण सातवीं ईसी के परिणाम जारी करने में देरी हो रही है क्योंकि 27 राज्यों (पश्चिम बंगाल को छोड़कर) और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से 22 ने पिछले दिसंबर तक इसको मंजूरी नहीं दी थी।

सूत्रों ने कहा, ‘हमने सातवीं आर्थिक जनगणना का मामला अब बंद कर दिया है, इसलिए हम आठवीं की ओर आगे बढ़ सकते हैं। नए सर्वे की अवधि 2025-26 होगी।’ इसके पहले सातवीं आर्थिक जनगणना के आंकड़ों के संग्रह की प्रक्रिया 2019 में शुरू की गई थी।

कोविड-19 महामारी के व्यवधानों के कारण यह कवायद 2021 में पूरी की जा सकी। एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘पहली जनगणना के परिणाम पेश करने के हिसाब से अब बहुत देरी हो चुकी है। इसलिए हमें इसके लिए नई कवायद शुरू करने की जरूरत है।’ इस जनगणना से एकत्र की गई सूचनाएं राज्य और जिले के स्तर पर सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना बनाने के लिए उपयोगी हैं।

First Published : August 13, 2024 | 10:57 PM IST