facebookmetapixel
अक्टूबर में GST की आमदनी ₹1.96 ट्रिलियन, त्योहारों ने बढ़ाई बिक्री लेकिन ग्रोथ धीमीत्योहारों ने बढ़ाई UPI की रफ्तार, अक्टूबर में रोजाना हुए 668 मिलियन ट्रांजैक्शनHUL पर ₹1,987 करोड़ का टैक्स झटका, कंपनी करेगी अपीलSrikakulam stampede: आंध्र प्रदेश के मंदिर में भगदड़, 10 लोगों की मौत; PM Modi ने की ₹2 लाख मुआवजे की घोषणाCar Loan: सस्ते कार लोन का मौका! EMI सिर्फ 10,000 के आसपास, जानें पूरी डीटेलBlackRock को बड़ा झटका, भारतीय उद्यमी पर $500 मिलियन धोखाधड़ी का आरोपकोल इंडिया विदेशों में निवेश की दिशा में, पीएमओ भी करेगा सहयोगLPG-ATF Prices From Nov 1: कमर्शियल LPG सिलेंडर में कटौती, ATF की कीमतों में 1% की बढ़ोतरी; जानें महानगरों के नए रेटMCX पर ट्रेडिंग ठप होने से सेबी लगा सकती है जुर्मानासीआईआई ने सरकार से आग्रह किया, बड़े कर विवादों का तेज निपटारा हो

MGNREGS: धन की कमी, मगर मनरेगा में बनी हुई है काम की मांग

हाल के वित्तीय बयान के मुताबिक देश के करीब 80 प्रतिशत राज्यों में मनरेगा के तहत आवंटित राशि से ज्यादा खत्म हो चुका है।

Last Updated- November 03, 2023 | 6:16 AM IST
MNREGA

अक्टूबर में मौसमी मंदी के बावजूद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम की मांग तेज बनी रही। यह आंकड़े ऐसे समय आए हैं, जब मनरेगा में आवंटित धन का आवंटन खत्म होने वाला है।

हाल के वित्तीय बयान के मुताबिक देश के करीब 80 प्रतिशत राज्यों में मनरेगा के तहत आवंटित राशि से ज्यादा खत्म हो चुका है।

वेबसाइट से एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत व्यय करीब 77,634 करोड़ रुपये है, जबकि कुल उपलब्ध राशि 68,014 करोड़ रुपये है। इस तरह से करीब 9,619.53 करोड़ रुपये की कमी है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमान में मनरेगा के लिए महज 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किया था।

उधर रिपोर्टों में कहा गया है कि पूरक अनुदान मांग के माध्यम से इस योजना में करीब 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये डाले जाने की संभावना है, जिससे साल के शेष महीनों में योजना को आसानी से चलाया जा सके।

वेबसाइट के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर में करीब 18.37 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत काम की मांग की है। यह मांग सितंबर की तुलना में थोड़ी कम है, लेकिन यह पिछले साल के समान महीने की तुलना में 18.5 प्रतिशत ज्यादा है।

साथ ही अगर कोविड प्रभावित वर्षों 2020-21 और 2021-22 को छोड़ दें तो यह मांग 2014-15 वित्त वर्ष से अब तक की सबसे बड़ी काम की मांग में से एक है।

First Published - November 3, 2023 | 6:16 AM IST

संबंधित पोस्ट