अर्थव्यवस्था

नोटबंदी, GST, कोविड महामारी जैसे कई आर्थिक झटकों से खपत में वृद्धि दर पर पड़ा असर: Nomura

नोमुरा की गणना के मुताबिक 2012 से 2023 के बीच जहां वास्तविक ग्रामीण खपत 3.1 प्रतिशत CAGR रही है, यह 2010-12 के बीच 6.6 प्रतिशत थी।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- March 08, 2024 | 11:33 PM IST

नोटबंदी, जीएसटी लागू किए जाने और उसके बाद कोविड महामारी की वजह से लगातार लगे आर्थिक झटकों के कारण पिछले दशक में खपत में वृद्धि दर उसके पहले के दशक की तुलना में कम रह सकती है। नोमुरा ने शुक्रवार को जारी ताजा एशिया इकनॉमिक मासिक रिपोर्ट में यह कहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में खपत दो लगातार चले खपत सर्वे (2011-12 और 2022-23 की अवधि के दौरान वृद्धि दर) में चक्रवृद्धि औसत वृद्धि दर (सीएजीआर) इसके पहले की अवधि में हुई वृद्धि की तुलना में कम है।

वैश्विक निवेश बैंकर ने राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा फरवरी में जारी ताजा घरेलू उपभोग व्यय सर्वे (एचसीईएस) का विश्लेषण करके यह निष्कर्ष निकाला है।

नोमुरा की गणना के मुताबिक 2012 से 2023 के बीच जहां वास्तविक ग्रामीण खपत 3.1 प्रतिशत सीएजीआर रही है, यह 2010-12 के बीच 6.6 प्रतिशत थी। इसी अवधि के दौरान वास्तविक शहरी खपत में वृद्धि इस दौरान 2.6 प्रतिशत रही है, जो पहले 5.2 प्रतिशत थी। 2005-10 की अवधि के दौरान ग्रामीण और शहरी खपत वास्तविक आधार पर क्रमशः 4 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत बढ़ी है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अगर हम महंगाई दर के लिए उचित तरीके का इस्तेमाल कर उसे व्यय में से घटा दें तो हम वास्तविक खपत व्यय में इसी सीएजीआर के हिसाब से गिरावट पाते हैं। इससे संकेत मिलता है कि यह गिरावट महंगाई की वजह से नहीं है। इससे पता चलता है कि पिछले दशक में नोटबंदी, जीएसटी लागू होने और महामारी जैसे झटकों का असर पड़ा है।’

First Published : March 8, 2024 | 11:33 PM IST