चुनावी मौसम और केंद्र के 60 हजार के कर्ज माफी पैकेज की घोषणा के बाद महाराष्ट्र सरकार भी किसानों को खुश करने का मन बना रही है।
सरकार एक ऐसे कानून पर विचार कर रही है जिससे अवैध महाजनों के चंगुल में फंसकर जमीन गिरवीं रख चुके किसानों को उनकी जमीन वापस दिलाई जाए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख का बयान महाराष्ट्र विधानसभा में उस समय आया जब केंद्र की संसद में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी किसानों के कर्ज माफी के बारे में भूमि की सीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे।
देशमुख ने किसानों को खुश करने वाली यह बातें राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद भाषण में कही। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज माफी के बाद भी आत्महत्या पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘बैंक का कर्ज चुकाने के लिए अवैध महाजनों से धन लेना गांवों में एक सामान्य प्रक्रिया है।
कानून और न्याय मंत्रालय को इस संभावना की तलाश करनी चाहिए कि इसके बारे में एक कानून बने, जिससे राज्य सरकार महाजनों से किसानों की जमीन वापस दिला सके। ‘
राज्य सरकार की राय है कि विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों को राहत मिलनी चाहिए जहां अन्य इलाकों की तुलना में किसानों के पास ज्यादा जमीन है।
साथ ही जमीन की सीमा भी 5 एकड़ से बढ़ाकर 15 एकड़ किया जाना चाहिए। देशमुख ने कहा, ‘हमने इसके लिए पहले ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। राज्य सरकार को आश्वासन भी मिला है कि केंद्र इस मसले पर गंभीरता से विचार करेगा।
उन्होंने किसान कर्ज माफी के लागू होने के पहले हमसे अन्य सुझाव भी मांगे हैं।’
उन्होंने कहा कि अगर कुछ किसान कर्ज माफी के पैकेज से छूट गए हैं तो राज्य सरकार अपने श्रोतों से भी उन्हें राहत प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्जमाफी एक बार की योजना है।
हमें कर्ज के भुगतान की संस्कृति विकसित करनी होगी। अगर किसानों को कम ब्याज पर कर्ज दिया जाने लगेगा तो वे समय से भुगतान करने में सक्षम हो जाएंगे।