Laptop-PC Import Ban: लैपटॉप, कंप्यूटर और आईटी हार्डवेयर के लिए आयात निगरानी तंत्र (import monitoring system) लागू करने के भारत के निर्णय पर इस हफ्ते होने वाली व्यापार नीति फोरम की बैठक में अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता (bilateral talks) के दौरान चर्चा हो सकती है। भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता का हवाला देते हुए IT उपकरणों के आयात के लिए निगरानी व्यवस्था लागू किए पर अपना रुख स्पष्ट किया है। इसके बावजूद अमेरिका ने एक बार फिर से इस निर्णय के पीछे के तर्क पर स्पष्टीकरण की मांगा है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अमेरिका इस तरह की व्यवस्था बनाने की आवश्यकता को समझना चाहता है और इस कदम की तार्किकता स्पष्ट करने की मांग की है। हम व्यापार नीति फोरम की बैठक में एक बार फिर अपने रुख के बारे में उन्हें अवगत कराएंगे।’
अमेरिका ने पिछले महीने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के एक कार्यक्रम में इसे लेकर सवाल उठाए थे। भारत के अधिकारियों ने बीते समय में यह बताने का प्रयास किया है कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विश्वसनीय सप्लाई चेन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था। उन्होंने आश्वस्त किया था कि फिलहाल अन्य उत्पादों के लिए निगरानी तंत्र जैसी व्यवस्था लागू करने की कोई योजना नहीं है।
इस साल अगस्त में सरकार ने आईटी हार्डवेयर से संबंधित विभिन्न उत्पादों के आयात को ‘पाबंदी’ के दायरे में लाने की योजना की घोषणा की थी। हालांकि उद्योग द्वारा लाइसेंस राज की वापसी की आशंका को लेकर चिंता जताए जाने के बाद इस निर्णय को 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया था।
इसके बाद अक्टूबर में रुख थोड़ा नरम करते हुए सरकार ने कहा कि लैपटॉप तथा अन्य IT हार्डवेयर के आयात को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा बल्कि इसके लिए नई स्व-चालित आयात प्रमाणन प्रणाली (contactless import authorisation system) लागू की जाएगी।
नई व्यवस्था 1 नवंबर, 2023 से प्रभावी है जो सितंबर 2024 तक लागू रहेगी। हालांकि सितंबर के बाद भी इसे जारी रखा जाएगा या नहीं, इसे लेकर स्पष्टता नहीं है।
आयात निगरानी तंत्र होने से सरकार विभिन्न स्रोतों से आने वाले विशिष्ट उत्पादों के बारे में वास्तविक आंकड़े जुटा रही है और हितधारकों के परामर्श से इसकी निगरानी कर रही है।
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि हार्डवेयर उत्पादों को लेकर बढ़ते साइबर सुरक्षा खतरों के बीच देश में इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए भरोसमंद सप्लाई चेन सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया है। सरकार ने पहले कहा था कि नई व्यवस्था उद्योग के साथ व्यापक परामर्श के बाद लागू की गई है।
आयात परमिट एंड-टु-एंड ऑनलाइन प्रारूप में जारी किए जाते हैं और सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया को पूरी करने में 10 मिनट से भी कम वक्त लगता है।
आगामी शुक्रवार को भारत-अमेरिका व्यापार नीति फोरम की 14वें मंत्री-स्तरीय बैठक में इस मसले पर गहन चर्चा हो सकती है। इस बैठक की अध्यक्षता अमेरिका की व्यापार मंत्री (United States Trade Representative -USTR) कैथरीन ताई (Katherine Tai) और भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल करेंगे।