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जुमलों की पटरी पर दौड़ती रही लालू एक्सप्रेस

Last Updated- December 10, 2022 | 12:55 AM IST

रेलमंत्री लालू प्रसाद ने पांच बार रेल बजट पेश किया और अपनी बाजीगरी दिखाते हुए रेलवे को मुनाफे में ला दिया। इतना मुनाफा कि उन्हें मैनेजमेंट गुरु भी कहा जाने लगा।
आंकड़ों में देखा जाए, तो लालू की बाजीगरी कामयाब हो रही है और उनकी दुधारू गाय दूध भी दे रही है। लेकिन चटपटे जुमलों के बीच लालू हर बार यात्री किराये में इजाफा नहीं होने का जो दावा करते थे, उसकी सच्चाई कुछ और है। किराया बेशक बढ़ा है, लेकिन पर्दे में।
पहले रेलवे के मुनाफे की बात की जाए। घाटे में चल रहे रेलवे के परिचालन मुनाफे में लालू ने लगातार कमी की, जिससे मुनाफा बढ़ गया। वर्ष 2004-05 में परिचालन अनुपात 91.2 प्रतिशत, वर्ष 2005-06 में परिचालन अनुपात 83.7 प्रतिशत रहा, जो 2006-07 में 78.7 प्रतिशत,  2007-08 में 76.3 प्रतिशत और 2008-09 में  76 प्रतिशत तक पहुंच गया।
इसी तरह देखें, तो वर्ष 2007-08 में जहां रेलवे के पास 20,000 करोड़ रुपये की नकदी थी, वहीं वर्ष 2008-09 में यह बढ़कर 68,778 करोड़ रुपये हो गई। वर्ष 2008-09 का बजट पेश करते हुए लालू ने कहा कि रेलवे ने रिकॉर्ड 20,000 वैगन की संख्या बढ़ाई, वहीं 250 डीजल और 220 बिजली के इंजनों को रेलवे बेड़े में जोड़ा।
वर्ष 2008-09 में लालू ने रेलवे में निवेश के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी को बढ़ावा देने की भी पहल की और इसके लिए अगले पांच सालों में 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश की बात कही।
वैश्विक मंदी के बावजूद रेलवे ने वर्ष 2008-09 में के दौरान 7.45 करोड़ टन माल ढुलाई की, जो पिछले साल की समान अवधि में ढोए गए माल से 2.9 फीसदी अधिक है। यह रेलवे की बड़ी उपलब्धि है।
लेकिन यात्रियों की बात करें, तो लालू के बजट का दूसरा पहलू भी है। चतुर लालू ने कुछ साधारण ट्रेनों को एक्सप्रेस ट्रेन का दर्जा दे दिया, वहीं एक्सप्रेस को सुपर फास्ट ट्रेन घोषित कर दिया। इससे प्रति टिकट रेलवे को क्रमश: 10 और 20 रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने लगी।
गिनीचुनी ट्रेनों को छोड़ दें, तो किसी ट्रेन की रफ्तार तक नहीं बढ़ाई गई यानी केवल दर्जा बढ़ाकर किराया बढ़ा दिया गया। तत्काल सीटों की बात करें, तो सभी ट्रेनों में इसकी संख्या बढ़ा दी गई, जिससे प्रति टिकट रेलवे को अधिक कमाई होने लगी।
दरअसल, तत्काल टिकट पर एसी के लिए 300 और 200 रुपये प्रति टिकट वसूला जाता है, जबकि स्लीपर में इसके लिए 150 और 75 रुपये चार्ज किया जाता है। इसके अलावा, वैगनों की क्षमता बढ़ाए बिना, रेलवे उससे अधिक माल ढोने लगा, जिससे भी रेलवे की आमदनी बढ़ी है।
इसी तरह जिन-जिन जोनों में ट्रेनों की संख्या बढ़ाई, वहां पटरी की गुणवत्ता में सुधार तक नहीं किया गया। लालू ने अपने बजट भाषण में कहा था कि देश में कोई भी रेलवे क्रॉसिंग मानवरहित नहीं होगा, लेकिन अभी भी कई ऐसे क्रॉसिंग हैं, जहां गेटमैन की तैनाती तक नहीं हो पाई है।
वर्ष 2009 में जब लोकसभा चुनाव होने हैं, तो लालू प्रसाद 13 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगे। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों  में तेजी के बावजूद संप्रग के पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में किराए में बढ़ोतरी करने से बचने वाले लालू प्रसाद लोकसभा चुनावों से पहले लोक लुभावन योजनाएं पेश कर सकते हैं।
ऐसे मिला मुनाफा
वर्ष                                  परिचालन अनुपात 

2004-05                               91.2 प्रतिशत
2005-06                               83.7 प्रतिशत
2006-07                               78.7 प्रतिशत
2007-08                               76.3 प्रतिशत
2008-09                               76 प्रतिशत

First Published - February 13, 2009 | 12:08 AM IST

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