खाद्य उत्पादन, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंज्यूमर ड््यूरेबल्स के लिए आगामी उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को उद्योग जगत ने सराहना की है। उद्योग जगत के नेताओं ने कहा कि इन क्षेत्रों में सरकार के प्रोत्साहन से भारत की स्थानीय उत्पादन क्षमता और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को तीन क्षेत्रों- खाद्यय उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं तकनीकी उत्पादों और कंज्यूमर ड््यूरेबल्स के लिए 22,138 करोड़ रुपये के फंड आवंटन को सैद्धांतिक मंजूरी दी। हालांकि इन क्षेत्रों के लिए नई पीएलआई योजनाओं की बारीकियों की घोषणा होना अभी बाकी है लेकिन इसे 45 दिनों के भीतर अधिसूचित होने की उम्मीद है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्धन विभाग को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं तकनीकी उत्पादों, खाद्य पदार्थों और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के लिए संबंधित योजनाओं को तैयार करने का काम सौंपा गया है।
आईटीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीव पुरी के अनुसार, खाद्य उत्पादन में पीएलआई एक परिणाम आधारित योजना के रूप में निवेश को प्रेरित कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘इसमें खपत-निवेश-रोजगार के एक महत्त्वपूर्ण चक्र को बढ़ावा देने, कृषि आय और आजीविका को बढ़ाने की क्षमता है।’
नेस्ले इंडिया के सीएमडी और सीआईआई के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष सुरेश नारायणन के अनुसार, आरटीसी/ आरटीई श्रेणी के लिए पीएलआई योजना शुरू करने के सरकार के निर्णय से इस क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘इससे 2 अरब डॉलर यानी करीब 15,000 करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को तेजी से हासिल करने में मदद मिलेगी।
