अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने गुरुवार को कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर काम कर रहे हैं और सेमीकंडक्टरों के मसले पर सहयोग के लिए औपचारिक चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप और भारत सहित अपने सहयोगियों के साथ नजदीकी से काम कर रहा है, जिससे कि सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सब्सिडी की दौड़ जैसी स्थिति से बचा जा सके।
सेमीकंडक्टर चिप के वैश्विक संकट को देखते हुए विश्व के तमाम देश एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने की कवायद में लगे हैं, जिससे कि महामारी या भूराजनीतिक तनाव जैसे व्यवधानों से इसकी आपूर्ति अप्रभावित बनी रहे। उदाहरण के लिए पिछले साल अमेरिका ने घरेलू सेमीकंडक्टर विनिर्माण को मजबूत करने के लिए चिप्स ऐस्ट पर हस्ताक्षर किया था।
इसी तरह से दिसंबर 2021 में भारत ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम विकसित करने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा की थी।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग के बारे में पूछने पर अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच इस क्षेत्र पर औपचारिक चर्चा होगी।
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने समकक्ष (वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल) के साथ इस पर काम कर रही हूं। कल सीईओ मंच की आधिकारिक बैठकें और वाणिज्यिक संवाद होने हैं और हम सेमीकंडक्टर पर महत्त्वपूर्ण बात करेंगे। अमेरिकी सरकार और भारत सरकार की ओर से एक औपचारिक चर्चा होगी।’ उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर डिजाइन और प्रौद्योगिकी पर भारत और अमेरिका के बीच तालमेल है।
रायमोंडो ने कहा कि सेमीकंडक्टर के लिए अमेरिका और दुनिया ताइवान पर बहुत अधिक निर्भर है और इस क्षेत्र में ‘भारत सहित अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा है।’ उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए दोनों देशों में बड़े अवसर हैं।
रायमोंडो ने कहा कि भारत के साथ किसी मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर फिलहाल चर्चा नहीं हो रही है और अमेरिकी कांग्रेस ने कहा है कि उसे एफटीए के लिए कोई जल्दी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि आईपीईएफ, एफटीए की तुलना में कई मायनों में आर्थिक रूप से अधिक प्रभावशाली साबित होगा।’ उन्होंने कहा कि यह ढांचा आधुनिक व्यापार समझौते के समान होगा। उन्होंने कहा कि आईपीईएफ दोनों देशों के बीच पारंपरिक एफटीए की तुलना में रोजगार सृजन में अधिक मदद करेगा।