सितंबर में भारत का व्यापार घाटा कम होकर पिछले पांच महीने के निचले स्तर पर आ गया। महीने के दौरान व्यापार घाटा 20.78 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आयात में वृद्धि की रफ्तार पिछले छह महीने में सबसे सुस्त रही। मगर निर्यात में लगातार दो महीनों की गिरावट के बाद मामूली वृद्धि दर्ज की गई। अगस्त में व्यापार घाटा बढ़कर 10 महीने के शीर्ष स्तर 29.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
सितंबर में 55.36 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया गया जो वैश्विक पेट्रोलियम कीमतों में नरमी के बावजूद 1.62 फीसदी अधिक है। महीने के दौरान सोने का आयात भी एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 6.9 फीसदी बढ़कर 4.39 अरब डॉलर हो गया। मगर क्रमिक रुझान की बात करें तो सोने के आयात के मूल्य में अगस्त के मुकाबले सितंबर में 56 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
अगस्त में सोने का आयात एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 3 फीसदी बढ़कर 10 अरब डॉलर हो गया था। उसे मुख्य तौर पर त्योहारी सीजन से पहले स्टॉक भरने और जुलाई में पीली धातु के आयात शुल्क को 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी किए जाने से बल मिला।
वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में पेट्रोलियम और कच्चे तेल का आयात 10 फीसदी घटकर 10.51 अरब डॉलर रह गया। सितंबर में भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच कमजोर वैश्विक मांग के कारण निर्यात 0.5 फीसदी घटकर 34.58 अरब डॉलर रह गया।
निर्यात में करीब 14 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात सितंबर में 25 फीसदी से अधिक घटकर 4.73 अरब डॉलर रह गया। पेट्रोलियम के अलावा रत्न एवं आभूषणों का निर्यात भी 11.5 फीसदी घटकर 2.82 अरब डॉलर रह गया।
वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने कहा कि भारत वैश्विक औसत के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में तमाम चुनौतियों के बावजूद वस्तुओं का निर्यात अच्छा रहा। पहले छह महीनों के दौरान निर्यात 1 फीसदी बढ़कर 213 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 6 फीसदी बढ़कर 350.66 अरब डॉलर हो गया।
निर्यात की सेहत का प्रमुख संकेतक समझा जाने वाला गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात महीने के दौरान 9.6 फीसदी बढ़कर 27 अरब डॉलर हो गया। जिन क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की गई उनमें इंजीनियरिंग वस्तुएं (10.55 फीसदी), इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं (7.89 फीसदी), ड्रग्स एवं फार्मास्युटिकल्स (7.22 फीसदी), और रेडीमेड परिधान (17.3 फीसदी) शामिल हैं।
सितंबर में सेवाओं का निर्यात 7.7 फीसदी बढ़कर 30.61 अरब डॉलर हो गया। इससे 14.29 अरब डॉलर का अधिशेष दर्ज किया गया। मगर सितंबर के लिए सेवाओं के व्यापार आंकड़े ‘अनुमान’ हैं जिसे भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के आधार पर संशोधित किया जाएगा।