शोध फर्म गार्टनर के ताजा आंकड़े के अनुसार, भारत में उद्यम सूचना सुरक्षा एवं जोखिम प्रबंधन उपयोगकर्ता खर्च वर्ष 2021 में बढ़कर 2.08 अरब डॉलर पर रहने का अनुमान है, जो 2020 के मुकाबले 9.5 प्रतिशत की वृद्घि है, जबकि पूरी क्लाउड सुरक्षा का खर्च 250 प्रतिशत से ज्यादा बढऩे का अनुमान है।
गार्टनर में वरिष्ठ शोध विश्लेषक प्रतीक भजंका ने कहा, ‘महामारी को लेकर प्रतिक्रिया से संगठनों की कमजोरी का पता चलता है।’ उन्होंने कहा, ‘जहां सुरक्षा दिग्गजों को आईटी बजट कटौती की वजह से 2020 में अपने सुरक्षा खर्च में कमी लाने के लिए बाध्य होना पड़ा था, वहीं 2021 में इस रुझान में बदलाव देखा गया है। सुरक्षित डिजिटल परिवेश अब संगठनों की वृद्घि और अन्य संभावित संकटों के लिए तैयारी के लिए आधार बन गया है। सुरक्षा क्षेत्र की कंपनियां नई रणनीतियों के साथ साइबरसुरक्षा में पुन: निवेश को तैयार हैं।’
गार्टनर के विश्लेषकों ने इस बारे में जानकारी दी है कि किस तरह से सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन कंपनियां (सीआईएसओ) गार्टनर सिक्योरिटीज ऐंड रिस्क मैनेजमेंट समिट इंडिया में अपनी आईटी साइबरसुरक्षा और जोखिम रणनीतियों को उन्नत बना सकती हैं। 2021 में, संगठनों द्वारा सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन के सभी सेगमेंटों पर अपना खर्च बढ़ाए जाने की संभावना है। गार्टनर ने कहा है कि पिछले साल से रुझान को बरकरार रखते हुए, क्लाउड सुरक्षा और इंटिग्रेटेड रिस्क मैनेजमेंट में 2021 में सर्वाधिक वृद्घि देखी जाएगी और यह खर्च वृद्घि 251 प्रतिशत तथा 27.8 प्रतिशत रह सकती है।
भजंका ने कहा, ‘भारत क्लाउड को अपनाने के लिहाज से शुरुआती चरण में है और महामारी से इसमें तेजी आई है, क्योंकि संगठनों ने लागत किफायत और व्यावसायिक निरंतरता के लिए क्लाउड पर जोर दिया है। 2929 में, एमेजॉन वेब सर्विसेज, माइक्रोसॉफ्ट एज्योर और गूगल क्लाउड जैसे हाइपरस्केलर्स ने भारत में डेटा केंद्रों में अपना निवेश बढ़ाया, जिससे भारतीय संगठनों को महामारी के दौरान क्लाउड को अपनाने की दिशा में आगे बढऩे में मदद मिली।’
