भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में 6.5% की आर्थिक विकास दर हासिल की जा सकती है। भारत के पास एक मजबूत आर्थिक आधार है, जिसने इसे वैश्विक अस्थिरताओं के बीच भी स्थिर बनाए रखा है।
CII President ने कहा, “हमारा अनुमान है कि भारत की GDP इस साल 6.5% तक बढ़ेगी। ब्याज दरों में हाल में कमी आई है, महंगाई काबू में है, और 1 अप्रैल से व्यक्तिगत आयकर में राहत जैसे कदम अर्थव्यवस्था को गति देने वाले हैं।” पुरी ने बताया कि ऊर्जा, परिवहन, धातु, रसायन और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में निजी निवेश बढ़ रहा है, हालांकि मौजूदा वैश्विक तनावों के चलते निवेश में कुछ सतर्कता देखी जा सकती है।
वैश्विक व्यापार में संरक्षणवाद (protectionism) बढ़ने पर चिंता
उन्होंने वैश्विक व्यापार में संरक्षणवाद (protectionism) बढ़ने पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत को अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख भागीदारों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करने चाहिए, जो पारस्परिक रूप से लाभकारी और राष्ट्रीय हित में हों। CII अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि भारत को तीन-स्तरीय शुल्क संरचना (three-tier tariff structure) जैसे कदमों पर विचार करना चाहिए, जिससे प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाई जा सके।
पुरी ने कहा कि देश को घरेलू विकास के स्रोतों—जैसे कृषि, जलवायु परिवर्तन और अनुकूलन—पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे वैश्विक अनिश्चितताओं से होने वाले प्रभाव को संतुलित किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण मांग में सुधार देखने को मिल रहा है, जबकि शहरी मांग अभी थोड़ी धीमी है, लेकिन आने वाले कुछ तिमाहियों में इसमें भी तेजी आने की उम्मीद है। पुरी ने आगे कहा, “आने वाले समय में ब्याज दरों में और कमी की उम्मीद है, जो निवेश और खपत को और बढ़ावा देगी।”
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First Published : May 11, 2025 | 6:23 PM IST