India’s direct tax collection : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को कहा कि 1 अप्रैल से 9 नवंबर के बीच भारत का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 17.59 प्रतिशत बढ़कर 12.37 लाख करोड़ रुपये हो गया है। प्रत्यक्ष कर प्रशासन के मुताबिक यह संग्रह वित्त वर्ष 2023-24 के प्रत्यक्ष कर संग्रह के कुल बजट अनुमान का 58.15 प्रतिशत है।
सरकार ने कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत आयकर से राजस्व में 10.5 प्रतिशत वृद्धि के साथ चालू वित्त वर्ष में 18.23 लाख करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया था।
प्रत्यक्ष कर संग्रह (रिफंड के बाद) 10.6 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह से 21.82 प्रतिशत अधिक है। इस अवधि के दौरान 1.77 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है।
सकल आधार पर अब तक कॉर्पोरेट आयकर (सीआईटी) और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) की वृद्धि दर क्रमशः 7.13 प्रतिशत और 28.29 प्रतिशत रही है। पीआईटी वृद्धि दर में प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) में हुई 27.98 प्रतिशत वृद्धि शामिल है। रिफंड के समायोजन के बाद सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 12.48 प्रतिशत और पीआईटी संग्रह में वृद्धि 31.77 प्रतिशत है, जिसमें एसटीटी में 31.26 प्रतिशत वृद्धि शामिल है।
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प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर देखें तो 2023-24 के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में सकल संग्रह 10.1 प्रतिशत और शुद्ध संग्रह 11.1 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। कॉर्पोरेशन और व्यक्तिगत आयकर से राजस्व क्रमशः 11.7 प्रतिशत और 11.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों में सुस्त वृद्धि के बाद सितंबर 2023 में कॉर्पोरेशन कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में सितंबर में 27 प्रतिशत बढ़ा। अग्रिम कर बेहतर आने की वजह से ऐसा हुआ, जो इस साल के बजट अनुमान (बीई) का करीब 49 प्रतिशत रहा है। व्यक्तिगत आयकर भी बढ़ा है, लेकिन वह बजट अनुमान के करीब ही है।