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चीन की नकल भर से भारत नहीं बन पाएगा दुनिया की फैक्टरी

Last Updated- December 12, 2022 | 1:56 AM IST

नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ कांत ने कहा है कि केवल चीन की नकल करने भर से भारत दुनिया की फैक्टरी नहीं बनने वाला है। उनका यह वक्तव्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भारतीय उद्योग जगत को जोखिम लेने के लिए आगे आने को लेकर की गई अपील के एक दिन बाद आया है। कांत ने कहा कि चीन की नकल करने की बजाय भारतीय उद्योग जगत के पास अपना कम लागत वाली हरित ऊर्जा का मॉडल होना चाहिए जिसे दुनिया ने मान्यता दी है। 
औद्योगिक संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ की ओर से आयोजित आभासी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांत ने कहा, ‘चीन की नकल कर भारत दुनिया की अगली फैक्टरी नहीं बन सकता है।…हमने हमेशा वृद्घि के सूर्यास्त वाले क्षेत्रों में प्रारंभ किया है यह समय वृद्घि के सूर्योदय वाले क्षेत्र में कदम बढ़ाने का है।’

प्रतिस्पर्धी बनने के लिए भारतीय उद्योग से अपने लिए महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य तय करने और हरित हाइड्रोजन, उच्च क्षमता वाली बैटरियों और उन्नत सौर पैनलों पर ध्यान देने का आह्वïान करते हुए कांत ने कहा कि भारतीय उद्योग जगत को डिजिटल और लचीला होना पड़ेगा। यदि वे दुनिया में सर्वात्तम के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं तो उन्हें कौशल विकास पर ध्यान देना होगा और हरित तकनीकों में निवेश करना होगा। 
भारत की अंतिम ऊर्जा खपत का केवल 18 फीसदी ही ऊर्जा के रूप में होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि शेष 82 फीसदी को अकार्बनीकरण के दूसरे स्वरूपों की आवश्यकता है।

नीति आयोग के विश्लेषण का हवाला देते हुए कांत ने कहा कि यूरोप और अमेरिका मिलकर करीब 500 गीगावॉट हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया का आयात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत को 2030 तक इस हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया का कम से कम 200 गीगावॉट के निर्यात का लक्ष्य बनाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग को शोध और विकास भी ध्यान देने और भारी भरकम निवेश करने की जरूरत है और उन्हें नाटकीय रूप से अपने लिए ग्रीन ब्रांड तैयार करने की मानसिकता तैयार करनी चाहिए। कांत ने कहा कि कोविड महामारी से उपजे किसी भी बाधा को निजी क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए निश्चित तौर पर उपयोग नहीं करना चाहिए। 
उन्होंने कहा, ‘दुनिया उभरती हुई तकनीकों की ओर बढ़ रही है। पुरानी तकनीक मर जाएगी। हरित तकनीक का ही भविष्य है।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत हरित ऊर्जा परियोजनाओं में लागत को घटाने के लिए अभिनव परियोजनाओं पर विचार कर रहा है। कांत ने कहा कि नीति आयोग इलेक्ट्रिक वाहनों और आवागमन के हरित साधन पर कई राज्यों के साथ मिलकर करीब से काम कर रहा है और उन्होने इस दिशा में राज्यों की ओर से की गई प्रगति की प्रशंसा की।

First Published - August 13, 2021 | 12:10 AM IST

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