भारत 2030 तक जर्मनी और जापान को पछ़ाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अनुमान के मुताबिक अपनी युवा आबादी और तेजी से बढ़ती शहरी घरेलू आय के दम पर भारत यह मुकाम हासिल कर सकता है। फिलहाल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके साथ ही भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अर्थव्यवस्था के लिहाज से अमेरिका शीर्ष पर काबिज है।
एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने अपनी हालिया पीएमआई रिपोर्ट में कहा है, ‘भारत का नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2022 में 3.5 लाख करोड़ डॉलर है, जो 2030 तक बढ़कर 7.3 लाख करोड़ डॉलर हो सकता है। अर्थव्यवस्था में तेजी से विस्तार होने के कारण भारत का जीडीपी 2030 तक जापान से आगे निकल जाएगा और भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।’ एसऐंडपी ग्लोबल ने अनुमान लगाया है कि 2030 तक जीडीपी के लिहाज से भारत जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा।
हालांकि डेटा सूचना कंपनी ने सीधे तौर पर भारत के लिए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था शब्द का उपयोग नहीं किया है। लेकिन यह बात तब स्पष्ट हो गई, जब उसने बताया कि 2022 तक भारत के जीडीपी का आकार ब्रिटेन और फ्रांस के जीडीपी से बड़ा हो गया था। इस आधार पर भारत 2022 में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
विभिन्न एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि भारत निकट भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। मगर यह मुकाम कब हासिल होगा, उस पर आम सहमति नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार भारत 2030 से पहले ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। ऐसा 2027 में हो सकता है, जब भारत जर्मनी को पछाड़ देगा। उस समय तक भारत की अर्थव्यवस्था 5.43 लाख करोड़ डॉलर होगी जबकि जर्मनी के जीडीपी का आकार 5.33 लाख करोड़ डॉलर होगा। उस समय तक जापान की अर्थव्यवस्था 4.57 लाख करोड़ डॉलर की होगी। आईएमएफ के अनुसार भारत 2026 में ही जापान को पीछे छोड़ देगा। 2026 में भारत की अर्थव्यवस्था 4.95 लाख करोड़ डॉलर की होगी और जापान का जीडीपी 4.71 लाख करोड़ डॉलर होगा।
आईएमएफ से उलट एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने वर्तमान में और 2030 में भी जापान को जर्मनी की तुलना में बड़ी अर्थव्यवस्था बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मतदाताओं को भारत की विकास गाथा से लुभा रहे हैं। वह लोगों से कहते रहे हैं कि उनके ‘तीसरे कार्यकाल’ के दौरान भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। मोदी सरकार को दूसरा कार्यकाल अगले साल मई में पूरा होगा और उससे पहले तीसरे कार्यकाल के लिए वह मतदाताओं से अपने लिए वोट मांगेंगे। वह अक्सर कहते रहे हैं कि जब उन्होंने केंद्र में सत्ता संभाली थी तो भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था और अब वह 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
एसऐंडपी ग्लोबल ने कहा कि 2021 और 2022 में दो वर्षों की तीव्र आर्थिक वृद्धि के बाद 2023 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत तरीके से बढ़ रही है। निकट अवधि के आर्थिक अनुमान में 2023 के बाकी समय और 2024 में निरंतर तीव्र विस्तार का अनुमान है, जो घरेलू मांग में मजबूत वृद्धि पर आधारित है। वास्तविक और रुपये के लिहाज से भारत की अर्थव्यवस्था 2023 की पहली तिमाही में 6.1 फीसदी और दूसरी तिमाही में 7.8 फीसदी की दर से बढ़ी है, जो इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाती है।