अमेरिका द्वारा व्यापार भागीदार देशों पर बराबरी का शुल्क लागू किए जाने से कुछ सप्ताह पहले सरकार ने उद्योग और निर्यातकों को संकेत दिया कि भारत अपना वर्तमान संरक्षणवादी रुख जारी नहीं रख सकता है और उसे विशिष्ट क्षेत्रों को अधिक खोलने के लिए तैयार रहना चाहिए। अमेरिकी प्रशासन ने अन्य देशों के शुल्क, कर और गैर-शुल्क बाधाओं के अनुरूप 2 अप्रैल से बराबरी शुल्क लगाने के निर्णय की घोषणा की है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल सहित वाणिज्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान अमेरिका के शुल्क से निपटने पर चर्चा हुई। बैठक में मौजूदा निर्यात परिदृश्य, अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते और शुल्क कटौती के संभावित प्रभाव पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में शामिल एक शख्स ने कहा, ‘मंत्री ने उद्योग और निर्यातकों को भरोसा दिलाया कि सरकार समय रहते काम कर रही है और यह सुनिश्चित करेगी कि निर्यातकों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। उद्योग को बताया गया कि इस समय भारत ज्यादा संरक्षणवादी नहीं हो सकता क्योंकि दुनिया पारस्परिकता की उम्मीद कर रही है।’
घटनाक्रम के जानकार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘संदेश साफ था कि हमें (उद्योग) को अपने क्षेत्र खोलने होंगे।’ बैठक में शामिल एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि अभी कपड़ा, चमड़ा, रसायन आदि जैसे निर्यात क्षेत्रों में शुल्क में कटौती का कोई दबाव नहीं है और उन्होंने सरकार को अपना रुख बता दिया है। बैठक में शिरकत करने वाले एक अन्य शख्स ने कहा कि कृषि, वाहन और शराब जैसे क्षेत्रों में शुल्क कटौती को लेकर बड़ी चिंता है। मगर बैठक में इस बारे में अलग से कोई चर्चा नहीं हुई।
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन द्वारा संरक्षणवादी नीतियों के लागू किए जाने के कारण व्यापार परिदृश्य तेजी से अनिश्चित होता जा रहा है, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव काफी बढ़ गया है। इस बीच भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसमें अपने संवेदनशील क्षेत्रों के हितों का ध्यान रखते हुए अमेरिका की प्रमुख मांगों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
सरकार उन वस्तुओं की संशोधित सूची तैयार करने पर काम कर रही है जिन पर भारत शुल्क घटा सकता है। इस कदम का उद्देश्य भारत को अमेरिका के बराबरी वाले शुल्क के झटके से बचाना है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री गोयल पिछले सप्ताह ट्रंप प्रशासन के प्रमुख अधिकारियों से मुलाकात की थी और शनिवार को देश लौट आए हैं। उसके बाद से ही इस दिशा में काम चल रहा है। पिछले हफ्ते ट्रंप ने दावा किया था कि भारत शुल्क कटौती पर सहमत हो गया है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लटनिक ने कहा कि अमेरिका उत्पाद-दर-उत्पाद के बजाय और व्यापक व्यापार करार करना चाहता है।