अर्थव्यवस्था

भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक FTA हुआ फाइनल, अब 99% भारतीय निर्यात पर नहीं लगेगा कोई शुल्क

जनवरी 2022 में वार्ता शुरू होने के 42 महीने बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किअर स्टार्मर मौजूद थे।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- July 24, 2025 | 10:52 PM IST

भारत और ब्रिटेन ने आज एक व्यापक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह मुक्त व्यापार समझौता बढ़ते भू-राजनीतिक ध्रुवीकरण और व्यापार युद्ध के इस दौर में द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस समझौते के तहत भारत से ब्रिटेन को होने वाले 99 फीसदी निर्यात शुल्क मुक्त हो जाएंगे और ब्रिटेन से आयात होने वाली 90 फीसदी वस्तुओं को भारतीय बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी।

व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए) नाम से इस मुक्त व्यापार समझौते पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने हस्ताक्षर किए। जनवरी 2022 में वार्ता शुरू होने के 42 महीने बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किअर स्टार्मर मौजूद थे।

मोदी ने ब्रिटेन में एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा, ‘यह समझौता महज आर्थिक साझेदारी ही नहीं ब​ल्कि उससे बढ़कर है, यह साझा समृद्धि का खाका है। यह भारतीय कपड़े, जूते, रत्न एवं आभूषण, समुद्री खाद्य और इंजीनियरिंग वस्तुओं के लिए ब्रिटेन के बाजार में बेहतर पहुंच का मार्ग प्रशस्त करता है। दूसरी ओर यह ब्रिटेन में बने चिकित्सा एवं एरोस्पेस उपकरणों को भारतीय उपभोक्ताओं और उद्योगों के लिए अ​धिक सुलभ और सस्ता बनाएगा।’

दोनों देशों द्वारा समझौते की पुष्टि किए जाने के बाद यह समझौता लागू हो जाएगा। भारत में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस समझौते को मंजूरी दे दी है, जबकि ब्रिटेन को अपने संसद से मंजूरी लेनी होगी। यह किसी प्रमुख विकसित देश के साथ भारत का अब तक का सबसे व्यापक समझौता है। दोनों देशों ने 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को करीब 56 अरब डॉलर से दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

ब्रिटेन सरकार के अनुमान के अनुसार, सीईटीए ब्रिटेन से आयातित वस्तुओं पर भारत के लागू औसत व्यापार  शुल्क 15 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर देगा। मगर भारत की चिंता के बावजूद इस व्यापार समझौते में जनवरी 2027 से लागू होने वाले ब्रिटेन के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म से निपटने के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है। 

 व्हिस्की पर शुल्क अगले 10 वर्षों में 150 फीसदी से घटकर 40 फीसदी रह जाएगा। कारों के आयात पर मौजूदा 110 फीसदी शुल्क को घटाकर 10 फीसदी किया जाएगा। मगर अगले 5 वर्षों में इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को कोई रियायत नहीं दी जाएगी। इस समझौते में सेब, पनीर, छाछ, सोने की छड़ और स्मार्टफोन को शुल्क में कटौती से बाहर रखा गया है। सीईटीए के साथ-साथ दोहरे योगदान समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता अगले 3 वर्षों तक करीब 20 फीसदी सामाजिक सुरक्षा अंशदान के दोहरे भुगतान को रोकेगा। इससे ब्रिटेन में काम कर रहे 75,000 भारतीय पेशेवरों को फायदा होगा। भारत ने सरकारी खरीद बाजार तक पहुंच देने की प्रतिबद्धता जताई है। 

First Published : July 24, 2025 | 10:40 PM IST